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दो पहिया वाहनों में ज्यादा हादसे, हेलमेट के बिना पेट्रोल विक्रय पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी

कलेक्टर की अध्यक्षता में सडक़ सुरक्षा समिति की बैठक आयोजित

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शहडोल. सडक़ सुरक्षा समिति की बैठक में कलेक्टर डॉ. केदार सिंह ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि सडक़ दुर्घटनाओं में होने वाली आकस्मिक मौतों में कमी लाने आवश्यक है कि सर्वाधिक दुर्घटनाओं वाले ब्लैक स्पॉट को चिन्हित कर संबंधित निर्माण विभाग आवश्यक तकनीकी सुधार सनिश्चित करें। जिले में इस तरह के 20 से अधिक स्पॉट चिन्हित किए गए हैं। जिले में संचालित सवारी गाडिय़ों की फिटनेस तथा परमिट एवं ओव्हर लोडिंग की जांच अभियान चलाकर की जाए तथा दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध मोटर व्हीकल एक्ट के तहत कार्रवाई की जाए। इसी तरह जो ग्रामीण मार्ग मुख्य सडक़ों से मिलते हैं, वहां रम्बल स्ट्रिप लगाने के साथ ही साइनेज की व्यवस्था की जाए। सडक़ों के किनारे झाडिय़ों की सफाई करा दी जाए।

कलेक्टर ने कहा कि सर्वाधिक दुर्घटनाएं 2 पहिया वाहनों से होती हैं। हाइवे में देवलौंद, ब्यौहारी, जयसिंहनगर, गोहपारू, बुढ़ार तथा ग्रामीण क्षेत्रों में जैतपुर क्षेत्र में दुर्घटनाओं का आंकड़ा सर्वाधिक है। दुर्घटनाओं में मौत के कारणों की समीक्षा में पाया गया है कि दो पहिया वाहनों में यात्रा करने वाले चालक एवं पीछे बैठने वाले हेलमेट का उपयोग नहीं कर रहे हंै। हेलमेट के उपयोग के लिए व्यापक जनजागरूकता अभियान चलाया जाए। साथ ही दण्डात्मक कार्रवाई भी की जाए। उन्होंने कहा कि आगामी समय में हेलमेट के बिना दो पहिया वाहन चालन पर नियंत्रण के लिए पेट्रोल पंपों में बिना हेलमेट के पेट्रोल विक्रय पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है। पेट्रोल पंपों के आस-पास हेलमेट विक्रय की व्यवस्था भी की जाएगी।

कलेक्टर ने शहडोल बस स्टैण्ड में सवारी गाडिय़ों को 30 मिनट तक ही रुकने की अनुमति दी जाए। रात्रि काल में रुंकने वाली सवारी गाडिय़ों के रुकने की व्यवस्था अन्य स्थान में करने, बस स्टैण्ड में खड़े खराब वाहनों को अन्यत्र स्थानांतरित करने के निर्देश मुख्य नगर पालिका अधिकारी शहडोल एवं जिला परिवहन अधिकारी को दिए गए हैं। कलेक्टर ने कहा कि बरसात के दौरान जो पुल-पुलियां जीर्ण-शीर्ण हो गए हैं या उनकी रेलिंग आदि टूट गई हैं, उनका सुधार कराया जाए। सडक़ों में गड्ढों की मरम्मत अभियान चलाकर संबधित अधिकारी सुनिश्चित करें। नगरीय क्षेत्रों में स्कूल बसों एवं टैक्सियों की नियमित जांच कर उनके फिटनेस, परमिट तथा ड्रेस कोड का पालन कराया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि ओव्हर लोडिंग नहीं हो।