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मेडिकल कॉलेज में लापरवाही: प्रसव से पहले सॉल्यूशन लगाते ही झुलस रही गर्भवती महिलाओं की स्किन

सर्जरी के वक्त प्रोविडोन आयोडीन सॉल्यूशन का कर रहे उपयोग, हर हफ्ते 10 से ज्यादा केस आ रहे] जच्चा-बच्चा के लिए खतरा

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शहडोल. जहरीले सिरप से बच्चों की मौत ने प्रदेश के स्वास्थ्य तंत्र को कटघरे में खड़ा कर दिया है, लेकिन विभाग की बेपरवाही का आलम यह है कि मौतों के बाद भी अस्पतालों में लापरवाही का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। मेडिकल कॉलेज शहडोल में गर्भवती महिलाओं और सर्जरी के लिए आने वाले मरीजों की जान के साथ लगातार खिलवाड़ हो रहा है। ऑपरेशन से पहले इस्तेमाल किया जाने वाला प्रोविडोन आयोडीन सॉल्यूशन मरीजों के लिए जहरीला साबित हो रहा है। इसे लगाने के बाद स्किन जल जाती है, लाल हो जाती है और कई बार छिल भी जाती है। इतना ही नहीं, मरीजों के शरीर पर फफोले तक पड़ रहे हैं। इस सॉल्यूशन का उपयोग मरीजों की सर्जरी के अलावा प्रसव के वक्त भी किया जाता है। इससे जच्चा बच्चा के लिए भी खतरा रहता है। ऐसा भी नहीं है कि मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को जानकारी नहीं है। इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई।

एक साल से विभाग प्रमुख भी जता रहे आपत्ति

डॉक्टरों और विभागाध्यक्षों ने इस सॉल्यूशन को बदलने की मांग कई बार की, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। सॉल्यूशन से रिएक्शन की समस्या पिछले एक साल से ज्यादा समय से शहडोल मेडिकल कॉलेज में बनी है। प्रबंधन का कहना है कि, इसके लिए गु्रप बनाया है। सूचना मंगाई जाती है।

फार्माकोलॉजी विभाग है, पर न जांच की न कोई जानकारी दी

दवाइयों की निगरानी और जांच के लिए फार्माकोलॉजी विभाग भी मेडिकल कॉलेज में है। विभाग प्रमुखों ने फार्माकोलॉजी विभाग को जानकारी भी दी लेकिन न तो सॉल्यूशन की जांच की और न ही जानकारी दी। मरीजों के शरीर पर रिएक्शन के सवाल पर फार्माकोलॉजी विभाग के महेन्द्र जैसवाल ने बिना जवाब दिए फोन काट दिया। बाद में कहा कि वे मेडिकल कॉलेज में मिलने पर बात करेंगे।

हर दिन दो केस, ठीक होने में लगता है 15 दिन

प्रोविडोन आयोडीन सॉल्यूशन के उपयोग के बाद चमड़ी झुलसने के हर दिन अस्पताल में दो से तीन केस आ रहे हैं। ये सिलसिला पिछले एक साल से है। बाद में मरीजों की स्किन ठीक होने में 15 दिन का समय लग रहा है।

गठजोड़ ऐसी कि नहीं लगाई रोक

विभाग प्रमुखों की आपत्ति के बाद भी सप्लाई पर रोक न लगाना कॉलेज प्रबंधन पर सवाल खड़े कर रहा है। गठजोड़ ऐसी है कि, प्रबंधन ने प्रोविडोन आयोडीन सॉल्यूशन की और सप्लाई मंगाई है


इनका कहना है
इस संबंध में जानकारी आई है। अन्य जिलों में भी पता कराया है कि क्या वहां भी ऐसी समस्या हो रही है। सॉल्यूशन के किस बैच के उपयोग के बाद रिएक्शन हो रहा है इसकी जानकारी सभी से ली है।
डॉ. नागेन्द्र सिंह, अधीक्षक मेडिकल कॉलेज, शहडोल