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शहीद बेटे की पार्थिव देह देखते ही बेसुध हो गई मां, अंतिम यात्रा में उमड़ पड़े लोग

Mohit sen- जिसने भी यह दृश्य देखा, उसकी आंखें आंसुओं से भीग गईं। एमपी के शाजापुर के अकोदिया में सीआरपीएफ जवान मोहित सेन की पार्थिव देह जैसे ही घर लाई गई, उनकी मां बिलख उठीं।

CRPF jawan Mohit Sen's last rites in Shajapur
CRPF jawan Mohit Sen's last rites in Shajapur

Mohit sen- जिसने भी यह दृश्य देखा, उसकी आंखें आंसुओं से भीग गईं। एमपी के शाजापुर के अकोदिया में सीआरपीएफ जवान मोहित सेन की पार्थिव देह जैसे ही घर लाई गई, उनकी मां बिलख उठीं। रोते रोते बेसुध हो गईं। मां बार बार यही बोलती रहीं कि मेरे बेटे को क्या हुआ… राखी तो बंधवा लेता…। मणिपुर में तैनात मोहित ड्यूटी के दौरान एक्सीडेंट में शहीद हो गए थे। शनिवार को उनका शव आया तो बहनें चीत्कार कर उठीं। भाई बहन के स्नेह पर्व रक्षाबंधन पर उन्होंने अपनी भाई की कलाई पर राखी बांधी। मोहित सेन के अंतिम दर्शन करने शहर और आसपास के इलाकों के लोग उमड़ पड़े।

मोहित सेन महज 22 साल के थे। वे मूलत: रानी बड़ौद गांव के रहने वाले थे। मोहित ने शुजालपुर में अपनी पढ़ाई पूरी की थी। उनका गुरुवार रात को दुर्घटना में निधन हुआ था। इसकी जानकारी परिजनों को बुधवार रात को मिली। हालांकि मां को दो दिनों तक बेटे के देहांत की सूचना नहीं दी गई। परिवार में मोहित की मौत का समाचार मिलने के बाद से मातम छाया हुआ है। गांव में भी शोक की लहर है।

मोहित सीआरपीएफ की 120 बटालियन में तैनात थे। उनकी मणिपुर में दो साल पहले पोस्टिंग हुई थी। पिता आनंदीलाल सेन ने आर्थिक अभावों के बावजूद उन्हें अच्छी शिक्षा दिलाई थी। राखी के बाद मोहित की सगाई होने वाली थी। इसकी तैयारियां भी चल रही थीं।

शहीद की अंतिम यात्रा में पूरा शहर उमड़ पड़ा

मोहित का पार्थिव शरीर शनिवार को सुबह भोपाल एयरपोर्ट पर आया। अकोदिया बस स्टैंड से शहीद की पार्थिव देह अंतिम दर्शन के लिए निकाली गई। अकोदिया थाना प्रभारी संजयसिंह राजपूत ने बताया कि ग्राम रानी बड़ौद में अंतिम संस्कार की तैयारियां शुक्रवार से ही शुरू कर दी गईं थीं। शनिवार सुबह मुक्तिधाम में हजारों लोग एकत्रित हो गए थे। शहीद की अंतिम यात्रा में पूरा शहर उमड़ पड़ा। देश भक्ति गीतों की धुन पर लोग बाइक पर तिरंगा लेकर चलते रहे।