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Rajasthan Accident: 3 भाइयों का एक ही चिता पर हुआ अंतिम संस्कार, सगी बहनों का एक साथ उजड़ा सुहाग, परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल

Trolly-Bike Collision: राजस्थान के कांवट बाईपास पर एक दर्दनाक सड़क हादसे में दो सगे भाई और उनके चचेरे भाई की मौत हो गई। तीनों के शव एक साथ गांव पहुंचे जिससे परिवार और गांव में मातम फैल गया।

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सीकर

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Akshita Deora

Nov 07, 2025

3 भाइयों का एक चिता पर हुआ अंतिम संस्कार (फोटो: पत्रिका)

3 Brother Cremated On Same Pyre: सीकर के कांवट बाईपास पर बुधवार रात दर्दनाक सड़क हादसे में बाइक सवार दो सगे भाइयों और उनके चचेरे भाई की मौत हो गई। हादसे ने इलाके में कोहराम मचा दिया। घरों में मातम पसर गया और हर किसी की आंखें नम हो गईं। पुलिस के अनुसार तीनों मृतक प्रीतमपुरी के वार्ड 14 के नाइयों के मोहल्ला निवासी और सगे भाई दिनेश सैन (38), दीपक सैन (36) पुत्र शंभूदयाल सेन तथा चचेरा भाई हिमांशु सैन (19) पुत्र भवानी सेन नीमकाथाना से गांव लौट रहे थे।

रास्ते में कांवट बाइपास पर एक निजी कॉलेज के पास तेज गति से आ रहे ट्रैक्टर-ट्राली चालक ने अचानक से ब्रेक लगा दिए। इससे पीछे आ रही बाइक ट्रॉली से भिड़ गई। हादसे में तीनों भाई गंभीर रूप से घायल हो गए। सूचना पर तीनों भाइयों को गंभीर हालत में थोई चिकित्सालय ले जाया गया। प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें अजीतगढ़ उपजिला अस्पताल रेफर किया गया जहां चिकित्सकों ने सगे भाई दिनेश व दीपक को मृत घोषित कर दिया। वही गंभीर घायल हिमांशु को जयपुर रेफर किया गया लेकिन वहां उपचार के दौरान उसने भी दम तोड़ दिया।

गुरुवार को अस्पताल में पुलिस की निगरानी में पोस्टमार्टम करवाया गया। इसके बाद दिनेश और दीपक के शव परिजनों को सौंपे गए। वहीं गुरुवार शाम जयपुर से हिमांशु का शव भी गांव प्रीतमपुरी लाया गया। तीनों के शव एक साथ गांव पहुंचे तो चीख-पुकार मच गई।

दो परिवारों की टूटी आस, छाया मातम

मृतक तीनों युवक महाराष्ट्र में टाइल फिटिंग का काम करते थे। परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर बताई जा रही है। तीनों 10 नवंबर को वापस महाराष्ट्र जाने वाले थे लेकिन उससे पहले ही हादसे ने उनकी जिंदगी छीन ली। मृतक दिनेश और उसके सगे भाई दीपक की करीब 15 साल पहले ही शादी हुई थी।

सगी बहनों का एक साथ उजड़ा सुहाग

दिनेश के दो लड़के है और दीपक के एक लड़का व एक लड़की है। दोनों की पत्नियां भी सगी बहनें हैं। दिनेश और दीपक सैन के पिता और मां गांव में ही मजदूरी करके परिवार को पालते हैं। दीपक का छोटा भाई सोमेश प्राइवेट बैंक में नौकरी करता है। हिमांशु तीन भाइयों में मंझला है। बड़ा भाई कमाने विदेश (बहरीन) गया है। छोटा भाई पढ़ाई करता है।

गांव में पसरा सन्नाटा, नहीं जले चूल्हे

हादसे की खबर जैसे ही गांव पहुंची, लोग अजीतगढ़ अस्पताल उमड़ पड़े। अस्पताल परिसर में माहौल गमगीन रहा। गांव में तीनों युवकों की मौत की सूचना फैलते ही ज्यादातर घरों के चूल्हे तक नहीं जले। पूरे गांव में मातम छाया रहा। लोग परिजनों को ढांढस बंधाते रहे। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो रहा था। हादसे के बाद गांव में शोक का माहौल हो गया।