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राजस्थान में यहां रातों-रात गायब हो गया श्मशान

आपने भूतों के गायब होने के किस्से तो सुने होंगे, लेकिन राजस्थान के सीकर जिले में पूरी श्मशान भूमी ही रातोंरात गायब हो गई।

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सीकर

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Sachin Mathur

Jul 25, 2025


सीकर. आपने भूतों के गायब होने के किस्से तो सुने होंगे, लेकिन राजस्थान के सीकर जिले में पूरी श्मशान भूमी ही रातोंरात गायब हो गई। दरअसल, यहां शहर में रामलीला मैदान के पीछे सालों पुराना शिवधाम धर्माणा है, जिसे नए मास्टर प्लान के प्रारूप से गायब कर दिया गया। जबकि उसके पास ही स्थित कब्रिस्तान की भूमि को प्रारूप में शामिल किया गया है। इस गड़बड़ी को लेकर शिवधाम धर्माना चैरिटेबल ट्रस्ट ने जिला प्रशासन को पत्र लिखकर मास्टर प्लान प्रारूप कड़ी आपत्ति दर्ज करवाई है। अध्यक्ष कैलाश तिवाड़ी ने बताया कि रामलीला मैदान के पीछे स्थित ट्रस्ट की श्मशान भूमि को मास्टर प्लान के नक्शे में नहीं दर्शाया गया है, जबकि पास स्थित कब्रिस्तान की भूमि को स्पष्ट रूप से दर्शाया गया है। ऐसे में ये कार्य हिंदू समाज के साथ प्रति पक्षपात व उपेक्षा का भाव दर्शाता है। पत्र में शहर की धार्मिक मान्यताओं व संस्कारों के सभी केंद्र को ध्यान में रखते हुए प्लान को संशोधित करने की मांग की गई है।

यूडीएच मंत्री बोले, आपत्तियों की 15 दिन में स्क्रूटनी

यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि मास्टर प्लान में जो पाप सामने आए है वह कांग्रेसराज के हुए है। उन्होंने कहा कि सीकर की जनता के साथ किसी भी सूरत में अन्नाय नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि खाटूश्यामजी का मास्टर प्लान अगस्त तक जारी कराने का पूरा प्रयास है। सीकर मास्टर प्लान के बारे में मंत्री ने कहा कि 15 दिन में आपत्तियों की स्क्रूटनी करा ली जाएगी। इसके बाद मास्टर प्लान को अंतिम रुप दिया जाएगा।

खाटूश्यामजी मास्टर प्लान अगस्त तक लागू होने की उम्मीद


खाटूश्यामजी. देशभर के करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र श्याम नगरी खाटूश्यामजी के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम जल्द ही साकार हो सकता है। यहां का बहुप्रतीक्षित मास्टर प्लान अगस्त माह तक धरातल पर उतरने की संभावना है। नगर नियोजन विभाग, जयपुर के वरिष्ठ नगर नियोजक नितिन नेहरा ने जानकारी दी कि मास्टर प्लान के प्रारूप को लेकर करीब 700 आपत्तियां प्राप्त हुई थीं। इन आपत्तियों के निस्तारण की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। उन्होंने बताया कि कुछ आपत्तियां न्यायालय में भी प्रस्तुत की गई थीं, जिन पर विभाग द्वारा स्थिति स्पष्ट की जा रही है। मास्टर प्लान लागू होने के बाद खाटूश्यामजी क्षेत्र में भूमि उपयोग, सड़क नेटवर्क, सार्वजनिक परिवहन, आवास योजनाएं, जल निकासी व अन्य बुनियादी ढांचे के विकास की दिशा तय होगी। इससे श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं तो मिलेंगी ही, साथ ही स्थानीय निवासियों और आसपास के क्षेत्रों के लोगों को भी समग्र विकास का लाभ मिलेगा। खाटू के मास्टर प्लान को लेकर वर्षों से मांग की जा रही थी। अब इसके लागू होने से नियोजित विकास का मार्ग प्रशस्त होगा और अव्यवस्थित विस्तार पर भी नियंत्रण संभव होगा।