
सीकर. बेमौसम बारिश और लगातार बिगड़ते मौसम चक्र का असर अब आम आदमी की थाली पर साफ नजर आने लगा है। सर्दियों के सीजन में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाली सब्जियों में शामिल हरी मटर ने इस बार महंगाई का नया रिकॉर्ड बना लिया है। हाल यह है कि नवम्बर माह के दूसरे पखवाड़ा शुरू होने के बाद मटर के थोक भाव अनार और सेब से ज्यादा है। इसका सीधा असर आम परिवारों की रसोई पर पड़ रहा है। लगातार बढ़ते दामों के कारण यह थाली से लगभग गायब हो गई है। सीकर थोक मंडी में मटर के दाम 180 से 200 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गए हैं, जबकि खुदरा बाजार में ये कीमतें 220- 240 रुपए प्रति किलो तक ग्राहकों की जेब पर बोझ डाल रही हैं। व्यापारियों के अनुसार मटर के थोक व खुदरा भाव पिछले साल की तुलना में इन दिनों तीन से चार गुना ज्यादा ज्यादा हैं। खुदरा दुकानदारों का कहना है कि महंगाई के कारण लोग मटर खरीदने से बच रहे हैं, जिससे बिक्री में 40त्न तक गिरावट दर्ज हुई है। रही सही कसर शादी समारोह होने के कारण मांग के बढ़ने से हो गई है। इसका नतीजा है कि पालक, मैथी जैसी अधिकांश हरी सब्जियां आम आदमी की पहुंच से बाहर है।
सब्जी व्यापारियों के अनुसार, इस बार अक्टूबर- नवंबर में हुई बारिश ने खेतों में खड़ी मटर की शुरुआती फसल को नुकसान पहुंचाया है। कई जिलों में 30 से 40 प्रतिशत तक उत्पादन प्रभावित हुआ है। उत्पादन कम होने की वजह से बाजार में आवक घट गई है। सामान्य तौर पर जहां रोजाना मंडी में 20- 40 क्विंटल मटर की आवक होती है, वहीं इन दिनों यह घटकर 10 क्विंटल रह गई है। व्यापारियों के अनुसार स्थानीय स्तर पर मटर की नई फसल आने में 15 से 20 दिन और लगेंगे। ऐसे में अगले सप्ताह तक कीमतें तेज रहने की आशंका है। किसानों का कहना है कि बारिश से फसल में जलभराव और कीट रोग बढ़ गए हैं, जिससे पैदावार कम हुई। कई खेतों में पौधे सड़ गए, जिन क्षेत्रों में फसल बची भी है वहां दाना छोटा और हल्का है।
आलू पुराना—20 से 25 रुपए
आलू नया— 60 से 65 रुपए
पालक—60 से 80 रुपए
हरी मैथी-70 से 80 रुपए
हरी मिर्च-40 से 60 रुपए
मूली— 20 से 30 रुपए
लौकी— 40 से 50 रुपए
बैंगन-80 से 100 रुपए
खीरा—45 से 50 रुपए
नीम्बू—70 से 80 रुपए
टमाटर—60 से 70 रुपए
सीकर में इस समय पंजाब और महाराष्ट्र से हरे मटर की आवक हो रही है। बारिश और मौसम बदलाव के कारण मटर की गुणवत्ता कम जोर है। सर्दी बढ़ने पर स्थानीय उत्पादन आने से भावों में गिरावट आएगी। फिलहाल बाजार में अधिकांश सब्जियों के भावों में तेजी के कारण लोगों ने सब्जियां खरीदनी कम कर दी है।
गिरधारीलाल सैनी, सब्जी विक्रेता
Published on:
15 Nov 2025 12:00 pm
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