Rajasthan News : राजस्थान के 100 किसान नॉलेज एनहांसमेंट प्रोग्राम के तहत इन 4 देशों में खेती के गुर सीखेंगे। नवंबर से भ्रमण शुरू होगा। सात दिवसीय भ्रमण के लिए प्रदेश के दस कृषि संभागों से दस-दस किसानों का चयन किया गया। भ्रमण के दौरान किसान कम भूमि और कम पानी में पॉलीहाउस व ऑफ सीजन में बेहतर खेती व पशुपालन करने के तरीके सीखेंगे।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने नॉलेज इनहांसमेंट प्रोग्राम के तहत प्रदेश के 100 किसानों के विदेश भ्रमण और प्रशिक्षण की स्वीकृति दे दी है। प्रोग्राम के तहत एफपीओ के किसान नीदरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और ब्राजील का भ्रमण करेंगे। इस एक्सपोजर विजिट में किसान नवीनतम तकनीकों एवं नवाचार के बारे में जानकारी लेंगे। चयनित किसानों को नवंबर 2025 से मार्च 2026 के बीच अलग-अलग बैच में कराया जाएगा।
अतिरिक्त निदेशक सीकर कृषि खंड शिवजीराम कटारिया ने बताया कि उद्यान आयुक्तालय के निर्देशों के बाद किसानों का भ्रमण के लिए चयन किया जा चुका है। किसानों के आर्थिक हालात मजबूत करने के लिए नॉलेज इनहांसमेंट प्रोग्राम के जरिए प्रशिक्षण लेकर फसलों के उत्पादन बढ़ा सकेंगे। गौरतलब है कि इससे पूर्व राजस्थान के किसानों का दल इजराइल में तकनीकी प्रशिक्षण हासिल करने गया था।
‘नॉलेज इनहांसमेंट प्रोग्राम’ के तहत राज्य के 100 प्रगतिशील किसानों को विदेश भेजा जाएगा। जहां वे उन्नत कृषि तकनीकों और वैश्विक नवाचारों के बारे में जानकारी हासिल कर उसका लाभ अपनी खेती में कर सकें। इस प्रोगाम के अंतर्गत किसान न केवल तकनीकी दृष्टि से समृद्ध होंगे, बल्कि वे यह भी जान सकेंगे कि कैसे सीमित संसाधनों का अधिकतम उपयोग कर बेहतर उत्पादन लिया जा सकता है। विदेश की कृषि सहकारी समितियों की कार्यशैली और संगठनात्मक ढांचे का अध्ययन करके राज्य के एफपीओ (फार्मर्स प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन) भी अपने स्तर पर मजबूती हासिल कर सकेंगे।
नॉलेज एनहांसमेंट प्रोग्राम के तहत आवेदन करने वाले किसानों की पात्रता कुछ इस तरह है। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व महिला किसान 0.5 हेक्टेयर यानी सवा तीन बीघा पर खेती करते हों। किसानों के लिए अधिकतम आयु 55 साल होनी चाहिए। किसी युवा किसान के खेत का भू-स्वामी पिता है तो उस पर विचार किया जाएगा और किसान को 5 बोनस स्कोर दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त, किसानों को पिछले 10 वर्षों से निरंतर कृषि कार्य में संलग्न होना चाहिए। साथ ही, उन्हें संरक्षित खेती, ड्रिप सिंचाई, मल्चिंग, सौर ऊर्जा पंप, ऑटोमेशन, ड्रोन तकनीक, फार्म पोंड और डिग्गी जैसी आधुनिक विधियों का व्यवहारिक उपयोगकर्ता होना चाहिए।
Published on:
08 Aug 2025 11:47 am