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Sikar Master Plan: मास्टर प्लान के विरोध में आज बंद रहा सीकर, 31 अगस्त तक रद्द करने की मांग; कांग्रेस ने क्यों बनाई दूरी?

मास्टर प्लान के विरोध में आज सीकर बंद रहा। बंद समर्थकों ने सरकार को चेतावनी दी कि मास्टर प्लान किसी भी सूरत में लागू नहीं होना दिया जाएगा।

sikar master plan
Photo- Patrika Network

Sikar News: शिक्षानगरी के मास्टर प्लान को लेकर बुधवार को शिक्षानगरी बंद रही। बंद की वजह से शहर के प्रमुख बाजार भी अल सुबह से बंद रहे। कई स्थानों पर दुकानों को बंद कराने को लेकर हल्की कहासुनी भी हुई। बंद समर्थकों ने सरकार को चेतावनी दी कि मास्टर प्लान किसी भी सूरत में लागू नहीं होना दिया जाएगा।

लोगों ने आरोप लगाया कि यह मास्टर प्लान किसानों के साथ आमजन के हितों के खिलाफ है। दोपहर को बंद समर्थकों की ओर से शहर में ट्रैक्टर रैली निकाली गई। जाट बाजार में हुई सभा में पूर्व विधायक पेमाराम ने कहा कि सरकार किसान, गरीब व मजदूरों की जमीनों को हपड़ना चाहती है, इसलिए जान बूझकर इस तरह का मास्टर प्लान तैयार कराया गया है।

उन्होंने कहा कि जनता की परेशानी बढ़ाने वाले मास्टर प्लान को किसी भी सूरत में लागू नहीं होने दिया जाएगा। बंद की वजह से शिक्षानगरी में 15 करोड़ से अधिक का कारोबार प्रभावित हुआ है। सभा की अध्यक्षता करते हुए राजेंद्र डोरवाल ने मास्टर प्लान के विरोध की वजह बताई। सभा को संघर्ष समिति सदस्य प्रभु दयाल कुंडली, किशोर सिंह खीचड़, सुमेर फेनिन , डॉ बीएल एचरा, झाबमल ओला, महावीर प्रसाद सैनी , महावीर जांगू ,राम रतन बगड़िया, आरएलपी जिलाध्यक्ष महेन्द्र डोरवाल , विष्णु सैनी ,सुरेश बगड़िया , उस्मान खान, जगदीश फौजी, इतिहासकार महावीर पुरोहित व मनोज मंगावा ने संबोधित किया।

किसान हितों के खिलाफ है मास्टर प्लान

संघर्ष समिति के गणेश बेरवाल ने कहा कि मास्टर प्लान 2041 व्यापारी व किसासों के हितों के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि संघर्ष समिति को मास्टर प्लान को खारिज कराने के लिए काफी समर्थन मिल रहा है।

31 अगस्त तक रद्द करने की मांग

सभा में एडवोकेट सूरजभान सिंह ने कहा कि मास्टर प्लान के रद्द नहीं होने तक आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि 31 अगस्त तक मास्टर प्लान रद्द करने की मांग की है। इसके बाद भी यदि विभाग की ओर से मास्टर प्लान को रद्द नहीं किया जाता है तो जनता को मजबूरन आंदोलन को आगे बढ़ाना पड़ेगा।

आगे क्या: कल यूडीएच मंत्री को बताएंगे पीड़ा

जाट बाजार में हुई सभा में संघर्ष समिति पदाधिकारियों ने आगामी रणनीति का खुलासा भी किया। वक्ताओं ने कहा कि फिलहाल यूडीएच मंत्री का विरोध करने की कोई योजना नहीं है। 22 अगस्त को मंत्री को सर्किट हाउस में ज्ञापन दिया जाएगा। यदि मंत्री की ओर से ज्ञापन नहीं लिया जाता है तो सर्किट हाउस की दीवार पर ज्ञापन चस्पा किया जाएगा।

4500 से अधिक आपत्ति दर्ज

मास्टर प्लान का प्रारूप जुलाई महीने में जारी हुआ था। मास्टर प्लान के लिए एक महीने आपत्ति मांगी गई थी। शहरवासियों ने मास्टर प्लान के प्रारूप के खिलाफ 4500 से अधिक आपत्ति दर्ज कराई थी। पिछले दिनों यूडीएच मंत्री ने दावा किया था किसी के साथ भी अहित नहीं होने दिया जाएगा और आपत्तियों का निस्तारण शुरू कर दिया है।

विधानसभा में भी गूंज चुका है मामला

शिक्षानगरी का मास्टर प्लान पिछली सरकार के समय बना था। लेकिन विधानसभा चुनाव की आचार संहिता की वजह से मास्टर प्लान का प्रारूप जारी नहीं हो सका। इसके बाद विधानसभा में लक्ष्मणगढ़ विधायक गोविन्द सिंह डोटासरा ने मामला उठाया था। यूडीएच मंत्री ने उस समय दावा किया था कि शिक्षानगरी का मास्टर प्लान समीक्षा के बाद जारी होगा। इसके बाद सरकार ने जुलाई में मास्टर प्लान जारी किया तो विरोध शुरू हो गया।

कांग्रेस ने बनाई दूरी, नहीं पहुंचे पदाधिकारी

मास्टर प्लान के विरोध में पिछले दिनों संघर्ष समिति की पहल पर कृषि उपज मंडी में सभा हुई। इसमें कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा, सीकर विधायक राजेन्द्र पारीक, कांग्रेस जिलाध्यक्ष सुनीता गिठाला व नगर परिषद के निवृत्तमान सभापति जीवण खां सहित कांग्रेस कार्यकर्ता पहुंचे थे। इसके बाद संघर्ष समिति के कुछ पदाधिकारियों ने कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता के भाषण पर सवाल खडे़ किए थे। सियासी गलियारों में चर्चा है कि इससे नाराज होकर कांग्रेसी आज बंद में नहीं पहुंचे।