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सीकर में सड़कों पर उतरे हजारों किसान, सांसद अमराराम और पुलिस के बीच झड़प; बोले- RSS-BJP के गुंडे मचा रहे आतंक

Rajasthan News: राजस्थान के सीकर जिले में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPIM) के नेतृत्व में हजारों किसान, मजदूर, युवा और महिलाएं सड़कों पर उतर आए।

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सीकर

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Nirmal Pareek

Oct 30, 2025

farmers protest in sikar

फोटो- पत्रिका नेटवर्क

Rajasthan News: राजस्थान के सीकर जिले में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPIM) के नेतृत्व में हजारों किसान, मजदूर, युवा और महिलाएं सड़कों पर उतर आए। फसल बर्बादी पर मुआवजा, पीने के पानी की कमी, बेरोजगारी, महंगाई और कानून व्यवस्था जैसे ज्वलंत मुद्दों पर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया गया। जयपुर रोड स्थित कृषि उपज मंडी में आयोजित विशाल आमसभा में केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार पर हमले बोले गए।

इस दौरान वक्ताओं ने चेतावनी दी कि अगर समस्याओं का तुरंत समाधान नहीं हुआ तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा। सभा के बाद रैली कलेक्ट्रेट पहुंची, जहां सांसद अमराराम और पुलिस के बीच धक्का-मुक्की हो गई।

कलेक्ट्रेट में घुसने का किया प्रयास

इस घटना में माकपा के पोलित ब्यूरो सदस्य एवं सीकर सांसद अमराराम के नेतृत्व में प्रदर्शनकारी कलेक्ट्रेट में घुसने का प्रयास कर रहे थे। पुलिस ने बैरियर लगाकर उन्हें रोका तो धक्का-मुक्की शुरू हो गई। अमराराम ने महिला पुलिसकर्मियों को भी धक्का देने की कोशिश की। अंततः प्रदर्शनकारी कलेक्ट्रेट के बाहर धरने पर बैठ गए। पुलिस ने ट्रैफिक डायवर्ट कर दिया।

इससे पहले कृषि उपज मंडी में सभा हुई, जहां राज्य कमेटी सचिव किशन पारीक और पूर्व विधायक पेमाराम ने भी अगुवाई की। हजारों लोगों ने तख्तियां थामे सरकार विरोधी नारे लगाए।

सरकार नाम की चीज नहीं बची- अमराराम

सभा में अमराराम ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि राजस्थान में सरकार नाम की कोई चीज नहीं बची। भाजपा-आरएसएस के गुंडे आतंक मचा रहे हैं, जबकि किसानों पर लाठियां बरसाई जा रही हैं। उन्होंने शेखावाटी संभाग और नीमकाथाना जिले को खत्म करने का आरोप लगाया। जल जीवन मिशन की 8 हजार करोड़ रुपये की योजना दो साल से ठप है।

उन्होंने कहा कि सीकर और झुंझुनू को एक रुपया नहीं मिला, जबकि मुख्यमंत्री नौ बार सीकर आ चुके हैं और शेखावाटी के जिलों में रुककर भी गए हैं। वे सिर्फ बातों से पानी पिलाने की कोशिश कर रहे हैं। मानसून में 50-60 प्रतिशत फसलें बर्बाद हुईं, लेकिन सरकार सिर्फ तीन प्रतिशत बता रही है। एमएसपी पर खरीद भी ठप है। खाद मांगने पर लाठियां और घरों-खेतों पर जबरन स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं।

कानून व्यवस्था को लेकर निशाना साधा

अमराराम ने कानून व्यवस्था पर हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा-आरएसएस के गुंडे कानून अपने हाथ में ले रहे हैं। पुष्कर से ऊंट खरीदकर लौट रहे युवक को बहरोड़ में कपड़े उतारकर पीटा गया, लेकिन पुलिस पीड़ित पर मुकदमा दर्ज कर रही है। सरकार बदले की भावना से काम कर रही है। सभा में महंगाई, पेट्रोल-डीजल टैक्स और बिजली निजीकरण पर भी आक्रोश जताया गया।

किसानों की मुख्य मांगें इस प्रकार हैं-

फसल खराबे का पूरा मुआवजा दो, किसानों का पूरा कर्ज माफ करो।
सीकर जिले के सभी गांवों-कस्बों में पेयजल की उचित व्यवस्था करो।
जल जीवन मिशन में राज्य सरकार अपने हिस्से के 4000 करोड़ रुपये जमा करवाए।
बिजली निजीकरण पर रोक लगाओ।
सभी विभागों में रिक्त पदों पर भर्ती करो, नए रोजगार सृजन से बेरोजगारी खत्म करो।
महंगाई पर रोक लगाओ, पेट्रोल-डीजल पर टैक्स कम करो।
दलितों, अल्पसंख्यकों और महिलाओं पर अत्याचार रोकें।