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एमपी के इस जिले में जल्द शुरू होगी ‘अंडरग्राउंड कोल माइन’, प्रभावित होंगे 4 गांव

बरगवां तहसील के गोड़बहरा उज्जैनी ईस्ट कोयला खदान(Gondbehera Ujjaini Underground Coal Project) के लिए मंगलवार को मझौली गांव में पर्यावरणीय मंजूरी के लिए आयोजित लोक सुनवाई हुई। कार्यक्रम में भूमिगत खदान से प्रभावित होने वाले सभी चार गांवों के लगभग दो हजार स्थानीय ग्रामीण उपस्थित थे।

Underground coal mine will start soon in singrauli
Underground coal mine will start soon in singrauli

Singrauli Coal Mine: सिंगरौली के बरगवां तहसील में प्रस्तावित गोड़बहरा उज्जैनी ईस्ट कोयला खदान जल्द ही शुरू होगी। इसके लिए मंगलवार को मझौली गांव में पर्यावरणीय मंजूरी लेने के लिए लोक सुनवाई आयोजित हुई। इस आयोजन में चार गांव के 2 हजार स्थानीय ग्रामीणों ने भाग लिया जो इस खदान से प्रभावित होंगे। ग्रामीणों ने प्रोजेक्ट का खुलकर समर्थन किया।

चार गांवों के 2000 ग्रामीण थे उपस्थित

बरगवां तहसील के गोड़बहरा उज्जैनी ईस्ट कोयला खदान(Gondbehera Ujjaini Underground Coal Project) के लिए मंगलवार को मझौली गांव में पर्यावरणीय मंजूरी के लिए आयोजित लोक सुनवाई हुई। कार्यक्रम में भूमिगत खदान से प्रभावित होने वाले सभी चार गांवों के लगभग दो हजार स्थानीय ग्रामीण उपस्थित थे। संयुक्त कलेक्टर संजीव कुमार पांडेय और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी संजीव मेहरा की उपस्थिति में जनसुनवाई हुई। इस दौरान सरकार के प्रतिनिधियों ने स्थानीय जनता की समस्याओं और सुझावों को ध्यान से सुना।

अदाणी समूह की कंपनी ने लिया है टेंडर

बता दें कि, गोड़बहरा उज्जैनी ईस्ट कोयला खदान एक अंडर ग्राउंड कोल माइन है। यह जिले के चार गांव उज्जैनी, कुंदा, पचौर और मझौली के 1130 हेक्टेयर क्षेत्र में फैली है। साल 2022 में भारत सरकार के कोयला मंत्रालय ने गोड़बहरा कोल माइन के लिए कमर्शियल माइनिंग के तहत बोली लगवाई थी। जिसके बाद इसका टेंडर अदाणी ग्रुप की कंपनी महान एनजेंन लिमिटेड को मिला था।

51 सालों तक चलेगी ये परियोजना

जानकारी के मुताबिक, इस परियोजना का संचालन 51 सालों तक किया जाएगा। इस दौरान आधुनिक तकनीक से भूमिगत उत्खनन द्वारा प्रत्येक वर्ष 30 लाख टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। परियोजन के कारण रोजगार के अवसर पैदा होंगे। इसके साथ दी प्रदेश सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी होगी।