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Rajasthan: राजस्थान में फिर जानलेवा लम्पी वायरस की दस्तक, पशुपालकों में हड़कंप, मंगवाई गई 25 हजार वैक्सीन

Lumpy virus: पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. अमित चौधरी ने बताया कि गोवंश में लम्पी के लक्षण मिलते ही विभाग की ओर से पांच टीमों का गठन किया है। टीमों की ओर से प्रतिदिन पांचों नोडल से जानकारी ली जा रही है।

Lumpy virus
लम्पी वायरस को लेकर गोशाला का निरीक्षण करते अधिकारी। फोटो- पत्रिका

गोवंश के लिए जानलेवा लम्पी वायरस ने एक बार फिर सिरोही जिले में कथित दस्तक ने पशु पालकों की चिंता बढ़ा दी है। जिले के ईसरा, माकरोड़ा समेत आसपास के गांवों में गोवंश में लम्पी वायरस के लक्षण दिखने की जानकारी सामने आई है।

लम्पी के लक्षण नजर आने से पशुपालन विभाग के अधिकारी भी अलर्ट हो गए हैं। विभाग के अधिकारियों के मुताबिक छह-सात गोवंश में लम्पी के लक्षण मिले हैं। पशुपालन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंच कर संक्रमित गोवंश को आइसोलेट कर वैक्सीनेशन किया। फिलहाल जिले में स्थिति काबू में बताई जा रही है।

पांच टीमें गठित, कर रहे आइसोलेट

पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. अमित चौधरी ने बताया कि गोवंश में लम्पी के लक्षण मिलते ही विभाग की ओर से पांच टीमों का गठन किया है। टीमों की ओर से प्रतिदिन पांचों नोडल से जानकारी ली जा रही है। जैसे ही किसी गांव में गोवंश में लक्षण की सूचना मिलती हैं, टीम मौके पर पहुंच कर गोवंश को आइसोलेट कर इलाज शुरू कर रही है।

ये हैं लम्पी के लक्षण

लपी स्किन डिजीज एक तरह का पॉक्स वायरस है, जो मच्छरों व टिक्स के माध्यम से फैलता है। जिसमें बुखार, शरीर पर गांठें, भूख न लगना, नाक व आंखों से पानी आना, दूध उत्पादन में गिरावट आदि लक्षण हैं।

बाड़मेर से मंगवाई 25 हजार वैक्सीन

लम्पी को लेकर पशुपालन विभाग ने 25 हजार वैक्सीन बाड़मेर से मंगवाई है। इसके साथ ही टीम की ओर से जिले में संचालित गोशालाओं में जाकर निरीक्षण कर लम्पी वायरस की जानकारी ली जा रही है। गोवंश में जरा भी लम्पी के लक्षण मिलने पर गोवंश को पशुपालन विभाग की ओर से आइसोलेट किया जा रहा है। पशुपालकों ने बताया कि दो साल पहले लम्पी रोग ने बहुत से गोवंश को चपेट में ले लिया था। इससे दूध उत्पादन की क्षमता कम होने के कारण पशुपालकों को काफी नुकसान उठाना पड़ा था।

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संक्रमित पशु को स्वस्थ पशु से अलग रखें

ईसरा, माकरोड़ा समेत आसपास के गांवों में गोवंश में लम्पी के लक्षण दिखे हैं। संक्रमित पशु को स्वस्थ पशु से अलग रखें, ताकि संक्रमण न फैले। कीटनाशक और विषाणुनाशक से पशुओं के परजीवी कीट, किल्ली, मक्खी और मच्छर आदि को नष्ट करें। पशुओं के बाड़े की साफ-सफाई रखें। किसी पशु में लम्पी वायरस के लक्षण दिखे तो तुरंत पशु चिकित्सक से संपर्क कर स्वस्थ पशुओं का टीकाकरण करवाएं, ताकि वह अन्य बीमारियों से भी दूर रहे।

- डॉ. अमित चौधरी, संयुक्त निदेशक, पशुपालन विभाग सिरोही