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UP Rains: 5 अगस्त को यूपी में भारी बारिश का कहर, लखीमपुर व सीतापुर में रेड अलर्ट, किसानों को सतर्क रहने की सलाह

IMD Issues Red Alert for UP: उत्तर प्रदेश में आगामी दिनों में मौसम का मिज़ाज बिगड़ने वाला है। भारतीय मौसम विभाग और CSA कानपुर ने 4-5 अगस्त को भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। लखीमपुर खीरी और सीतापुर में रेड अलर्ट है। किसानों और पशुपालकों से सतर्कता बरतने की अपील की गई है।

UPWeatherAlert
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Rain Alert UP: उत्तर प्रदेश में एक बार फिर आसमान से आफत बरसने की संभावना जताई गई है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) और चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कानपुर (CSA-Kanpur) द्वारा जारी ताज़ा मौसम पूर्वानुमान के अनुसार, प्रदेश के कई जिलों में आगामी पांच दिनों के दौरान भारी से अत्यधिक भारी वर्षा हो सकती है। विशेषकर 4 अगस्त को लखीमपुर खीरी और सीतापुर जिलों में 'रेड अलर्ट' जारी किया गया है। इसके अलावा, 4 व 5 अगस्त को 20 से अधिक जिलों में गरज-चमक के साथ भारी वर्षा का अनुमान है। इस चेतावनी के मद्देनजर कृषि विभाग और मौसम विज्ञान विशेषज्ञों ने किसानों, पशुपालकों और आमजन को सतर्क रहने और जरूरी एहतियात बरतने की सलाह दी है।

प्रभावित जिले

4 और 5 अगस्त को जिन जिलों में भारी बारिश की संभावना जताई गई है, वे हैं:

  • लखीमपुर खीरी
  • सीतापुर
  • हरदोई
  • फर्रुखाबाद
  • कन्नौज
  • कानपुर नगर
  • उन्नाव
  • लखनऊ
  • बाराबंकी
  • रायबरेली
  • अमेठी
  • सुल्तानपुर
  • अयोध्या
  • अंबेडकर नगर
  • मथुरा
  • कासगंज
  • आगरा
  • फिरोजाबाद
  • मैनपुरी

इन जिलों में गरज-चमक के साथ मध्यम से भारी वर्षा के चलते जलभराव, खेतों में जलनिकासी की समस्या और यातायात अवरोध जैसी स्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं।

किसानों के लिए महत्वपूर्ण निर्देश

  • कृषि मौसम तकनीकी अधिकारी अजय मिश्रा द्वारा किसानों के लिए कुछ विशेष निर्देश जारी किए गए हैं, जिनका पालन कर वे संभावित नुकसान से बच सकते हैं:
  • सिंचाई, कीटनाशी और रोगनाशी का कार्य स्थगित करें: अगले दो दिनों तक भारी बारिश की संभावना को देखते हुए किसी भी प्रकार की सिंचाई या रसायन छिड़काव से परहेज करें।
  • उड़द, मूंग और ज्वार की बुवाई रोकें: नए बीजों और पौधों को बारिश से क्षति पहुंच सकती है, इसलिए बुवाई कार्य को स्थगित रखें।
  • धान छोड़कर अन्य फसलों से जलनिकासी करें: जिन खेतों में मक्का, गन्ना, सब्जियां, तिलहन या दलहन की फसलें लगी हैं, वहां जल भराव से नुकसान हो सकता है। इसलिए जलनिकासी की व्यवस्था सुनिश्चित करें।
  • कटाई व भंडारण पर विशेष ध्यान दें: यदि किसी फसल की कटाई हो चुकी है, तो उसे सुरक्षित स्थान पर ढककर रखें ताकि बारिश से क्षति न हो।

पशुपालकों के लिए दिशा-निर्देश

भारी वर्षा और गरज-चमक के दौरान पशुओं की सुरक्षा भी अत्यंत आवश्यक है। इस संबंध में निम्नलिखित सुझाव दिए गए हैं:

  • पशुओं को खुले स्थान पर न बांधें: बारिश और आकाशीय बिजली के खतरे को देखते हुए पशुओं को घर या शेड में ही रखें।
  • इलेक्ट्रिक पोल और पानी के स्रोतों से दूर रखें: पशुओं को विद्युत पोल, नालियों, झीलों या तालाबों के पास नहीं ले जाएं। इन स्थानों पर फिसलन और करंट लगने का खतरा बना रहता है।
  • पशु आहार को सुरक्षित रखें: चारे व पानी की व्यवस्था ऐसी जगह पर करें जहां बारिश का प्रभाव न हो।

प्रशासन की तैयारी

प्रशासन ने भी जिला अधिकारियों और तहसील स्तर के अधिकारियों को चौकन्ना रहने और आपातकालीन सेवाओं को एक्टिव मोड में रखने के निर्देश दिए हैं। जिला मुख्यालयों पर हेल्पलाइन और कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं ताकि किसी भी आपदा या स्थिति से त्वरित निपटा जा सके।

आम जनता के लिए सावधानिया

  • अनावश्यक यात्रा से बचें
  • बच्चों और बुजुर्गों को घर के भीतर रखें
  • पानी भरे इलाकों में न जाएं
  • मोबाइल या धातु वस्तुएं लेकर खुले में न निकलें
  • तेज बारिश और गरज के दौरान बिजली के उपकरणों का कम प्रयोग करें

वैज्ञानिक कारण

मौसम विभाग के अनुसार, वर्तमान में मानसून की द्रोणी अपनी सामान्य स्थिति से उत्तर की ओर खिसक गई है, जो लखीमपुर खीरी, सीतापुर और लखनऊ से होकर गुजर रही है। साथ ही, पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के आसपास एक चक्रवाती परिसंचरण सक्रिय है। इसके अतिरिक्त, 74° पूर्वी देशांतर के आसपास स्थित पश्चिमी विक्षोभ की पछुआ हवाएं भी मानसूनी हवाओं से प्रतिक्रिया कर रही हैं। इन सभी कारणों से प्रदेश में भारी से अत्यधिक भारी वर्षा की स्थितियाँ बनी हुई हैं, जो अगले 24 से 48 घंटे तक बनी रह सकती हैं।