
वैज्ञानिकों ने पाया कि कोको (cocoa) और बेरीज़ जैसी चीज़ों में पाए जाने वाले कड़वे तत्व (flavanols) दिमाग की याद रखने की क्षमता को तेज कर सकते हैं। लेकिन फर्क सिर्फ इन तत्वों से नहीं पड़ता बल्कि उन्हें खाने का सही समय भी बहुत मायने रखता है।
हमारा दिमाग कंप्यूटर की तरह जानकारी स्टोर नहीं करता। नई जानकारी मिलने के बाद दिमाग तय करता है कि क्या उसे रखना है या भुला देना है — इसे कहते हैं memory consolidation। इस दौरान एक रासायनिक पदार्थ noradrenaline सक्रिय होता है, जो अहम जानकारी को “सेव” करने में मदद करता है। स्टडी में पाया गया कि जिन चूहों को याददाश्त टेस्ट से एक घंटे पहले डार्क चॉकलेट जैसे flavanols दिए गए, वे 30% ज़्यादा सटीक थे उन चूहों की तुलना में जिन्हें सिर्फ पानी दिया गया था।
ब्रेन स्कैन से पता चला कि flavanols लेने के बाद चूहों के hippocampus (याददाश्त का केंद्र) में noradrenaline का स्तर बढ़ गया। यह बढ़त करीब एक घंटे तक रही यानी वही समय जब दिमाग नई यादें पक्की करता है।
दिमाग के एक हिस्से locus coeruleus को “अलार्म सिस्टम” कहा जाता है। Flavanols खाने से यह हिस्सा भी ज्यादा सक्रिय हो गया, जिससे चूहे ज़्यादा चौकस, ऊर्जावान और सतर्क दिखे। यह असर सिर्फ याददाश्त पर नहीं, बल्कि मोटिवेशन (प्रेरणा) और रिवॉर्ड से जुड़े हिस्सों पर भी पड़ा।
दिलचस्प बात यह है कि flavanols खून में बहुत कम मात्रा में जाते हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह असर असल में स्वाद और पेट में महसूस होने वाले कड़वेपन से शुरू होता है — जो कुछ सेकंड में ही दिमाग तक संदेश भेज देता है।
2023 की एक बड़ी स्टडी में पाया गया था कि बुज़ुर्ग लोग जिन्होंने एक साल तक flavanol सप्लीमेंट लिए, उनकी याददाश्त में सुधार हुआ। नई रिसर्च बताती है कि ऐसा क्यों हुआ — क्योंकि हर बार flavanol लेने से दिमाग की “याददाश्त विंडो” में थोड़ी मदद मिलती है, जो समय के साथ जुड़ती जाती है।
अगर यह विज्ञान सच साबित होता है, तो पढ़ाई या किसी बड़े मीटिंग से एक घंटा पहले डार्क चॉकलेट खाना आपकी याददाश्त को मजबूत कर सकता है। यह पूरी स्टडी Current Research in Food Science नामक जर्नल में प्रकाशित हुई है।
Published on:
11 Nov 2025 05:26 pm
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