जयपुर। दुनियाभर में दांतों की सड़न सबसे आम स्वास्थ्य समस्या है। ठंडा पानी पीते ही अगर दांत में झनझनाहट होती है, तो यह इसी का संकेत है। अब एक नई स्टडी में दावा किया गया है कि बालों से मिलने वाले प्रोटीन केराटिन से बनी टूथपेस्ट दांतों को बचाने में मदद कर सकती है। यह टूथपेस्ट दांतों की सतह पर इनेमल जैसी परत बनाकर उन्हें मजबूत करेगी, यानी केवल अस्थायी इलाज से आगे बढ़कर असली मरम्मत करेगी।
बालों का प्रोटीन दांतों के लिए
केराटिन एक स्ट्रक्चरल प्रोटीन है जो बालों और ऊन में पाया जाता है। इसे निकालकर मेडिकल कामों में फिल्म, जेल और अन्य रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। इस रिसर्च में बायोमिनरलाइजेशन प्रक्रिया का सहारा लिया गया है, जिसमें शरीर प्राकृतिक रूप से हड्डियों और दांतों को मजबूत करने के लिए मिनरल्स (जैसे हाइड्रॉक्सीएपेटाइट क्रिस्टल) का इस्तेमाल करता है।
केराटिन टूथपेस्ट की टेस्टिंग
वैज्ञानिकों ने पानी-आधारित केराटिन फिल्म बनाई, जिसे दांत जैसी सतह पर लगाया गया। यह लार जैसे घोल से कैल्शियम और फॉस्फेट को खींचकर इनेमल जैसी नई परत बनाने लगी। प्रयोगशाला मॉडल में शुरुआती दांत सड़न (सफेद धब्बों) पर यह तकनीक असरदार रही। केराटिन ने खराब हिस्सों में जाकर नई क्रिस्टल परत बनाई जिससे दांत की चमक लौटी और मजबूती भी बढ़ी — बिना ड्रिलिंग किए। वैज्ञानिकों का कहना है कि इसे दो रूपों में लाया जा सकता है
अगर सबकुछ सही रहा, तो अगले 2–3 सालों में यह बाजार में आ सकता है।
केराटिन इस कमी को पूरा कर सकता है।
बाल और ऊन बड़ी मात्रा में वेस्ट (कचरा) के रूप में उपलब्ध हैं। इनसे निकला केराटिन पहले से ही जख्म की ड्रेसिंग, ऊतक उपचार और दवाओं की डिलीवरी में इस्तेमाल हो रहा है।
शोधकर्ताओं का कहना है —
"केराटिन दंत चिकित्सा के लिए एक टिकाऊ और सुरक्षित विकल्प हो सकता है। यह न केवल बायोलॉजिकल वेस्ट (जैसे बाल और त्वचा) से मिलता है, बल्कि जहरीले प्लास्टिक रेज़िन की ज़रूरत को भी खत्म कर देता है।"
अगर सभी टेस्ट सफल रहते हैं, तो शुरुआती प्रोडक्ट अगले 2–3 साल में आ सकते हैं। पहले यह संवेदनशील दाँतों और शुरुआती सड़न के लिए होगा, फिर रोज़मर्रा की टूथपेस्ट के रूप में लॉन्च हो सकता है।
यह स्टडी Advanced Healthcare Materials नाम की जर्नल में प्रकाशित हुई है।
Published on:
18 Aug 2025 05:40 pm