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एलएनपी नहर के पटड़े में आया 40 फीट चौड़ा कटाव

रिड़मलसर क्षेत्र के गांव 50 एलएनपी के नजदीक शनिवार शाम करीब साढ़े 6 बजे एलएनपी नहर के पटड़े में कटाव आ गया। पटड़े में सेह की मांद (बिल) के चलते नहर में रिसाव का कारण बताया जा रहा है।

40 feet wide erosion in the bed of LNP canal
निरवाना (श्रीगंगानगर) . एलएनपी नहर के पटड़े में आए कटाव को एक्सकेवेटर की सहायता से पाटते हुए।

निरवाना (श्रीगंगानगर). रिड़मलसर क्षेत्र के गांव 50 एलएनपी के नजदीक शनिवार शाम करीब साढ़े 6 बजे एलएनपी नहर के पटड़े में कटाव आ गया। पटड़े में सेह की मांद (बिल) के चलते नहर में रिसाव का कारण बताया जा रहा है। पटड़े में रिसाव इतना बढ़ा कि देखते ही देखते करीब 35-40 फीट चौड़ा कटाव हो गया। इससे 51 एलएनपी की तरफ करीब 5 मुरब्बा में फसलें जलमग्न हो गई। कटाव की सूचना मिलते ही एलएनपी नहर में कालूवाला हैड से पानी के प्रवाह को तुरंत बंद कर दिया गया। इसके चलते किसानों की शनिवार रात व रविवार की बारियां पिट गई।
नहर में आए कटाव की सूचना मिलते ही बींझबायला से नायब तहसीलदार अंकित मिमानी, एलएनपी नहर के जेईएन अनिल मीणा ,रिड़मलसर द्वितीय जल उपयोक्ता संगम अध्यक्ष संसार सिंह, जोड़किया संगम अध्यक्ष ओम सियाग ,किसान राजकरण सिंह साजनवाला सहित 49 एलएनपी, 50 एलएनपी 51एलएनपी और 83एलएनपी के सैकड़ों किसान एकत्रित हो गए। मौके पर पहुंचे किसान राजकरण सिंह ने बताया कि 6 नम्बर माइनर के एक किमी आगे बींझबायला कैंचिया सडक़ के पुल की ओर 51एलएनपी की तरफ पटड़े में सेह का बिल बना हुआ था। यहीं पानी का रिसाव हुआ। नहर में कटाव से करीब 5 मुरब्बा भूमि में खड़ी फसलें जलमग्न हो गई और दो ढाणियों में पानी घुस गया। मौके पर प्रशासन व सिंचाई विभाग ने पांच एक्सकेवेटर की मदद से कटाव को पाटने का कार्य किया।

शनिवार रात ,रविवार व सोमवार दिन के किसानों की बारियां पिटी

एलएनपी नहर में कटाव आने के तुरंत बाद कालूवाला हैड से पानी के प्रवाह को बंद कर दिया गया। इसके चलते शनिवार रात व रविवार व सोमवार के किसानों की बारियां पिट गई। किसानों की माने तो शनिवार रात, रविवार व सोमवार दिन के किसानों की बारियां तीन चार माह से पिट रही है। शनिवार रात व रविवार व सोमवार दिन के किसानों की लगातार तीसरी बारी पिटी है। किसानों ने इसकी भरपाई की भी मांग की है। वहीं सिंचाई विभाग के अधिकारियों का कहना है की पटड़े पर तिरपाल व मिट्टी के थैले लगाकर पटड़े के मजबूत करके ही नहर में पानी छोड़ा जाएगा।