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कभी छुक-छुक करती थी ट्रेन,अब करंट से दौडऩे वाली ट्रेन बनेगी शान

धुआं उड़ाती, छुक-छुक करती छोटी लाइन की धीमी चाल वाली ट्रेन ही कभी यहां की पहचान थी। इसके बाद ब्रॉडगेज की तेज रफ्तार और अब बिजली से चलने वाली ट्रेन का आगमन ऐतिहासिक है।

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Once the train used to make a chugging noise, now the electric train will become a pride

श्रीकरणपुर. इलेक्ट्रिक ट्रेन के आगमन पर लोको पायलट का माल्यार्पण कर खुशी जताते नागरिक।

श्रीकरणपुर (श्रीगंगानगर). धुआं उड़ाती, छुक-छुक करती छोटी लाइन की धीमी चाल वाली ट्रेन ही कभी यहां की पहचान थी। इसके बाद ब्रॉडगेज की तेज रफ्तार और अब बिजली से चलने वाली ट्रेन का आगमन ऐतिहासिक है। रेल संघर्ष समिति के संयोजक बलदेव सैन ने यह बात मंगलवार दोपहर करीब ढाई बजे इलेक्ट्रिक इंजन युक्त श्रीगंगानगर-कोच्चिवल्ली एक्सप्रेस ट्रेन के आगमन पर कही।
जानकारी अनुसार रेल संघर्ष समिति की ओर से रेलवे स्टेशन पर हुए कार्यक्रम में समिति संयोजक बलदेव सैन ने कहा कि 15 दिसंबर 2010 तक श्रीगंगानगर-सूरतगढ़ मार्ग (कैनाल लूप) पर मीटर गेज गाडिय़ां चलती थी। करीब डेढ़ साल बाद यानी आठ जून 2012 को यहां ब्रॉडगेज रेल सेवा शुरू हुई। यह लोगों के संघर्ष की जीत थी कि मीटर गेज को ब्रॉडगेज में बदला गया और लंबी दूरी की कुछ गाडिय़ां भी यहां चलने लगी। सैन ने कहा कि अब 20 मई 2025 को श्रीगंगानगर-सूरतगढ़ के मध्य बिजली से चलने वाली आधुनिक इलेक्ट्रिक ट्रेन का आगमन ऐतिहासिक उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि इससे इलाके के विकास की एक नई उम्मीद जगी है। समिति के उपाध्यक्ष नरेश मित्तल, सचिव अंकुर छाबड़ा, कोषाध्यक्ष ललित बंसल ने भी विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक ट्रेन शुरू होने से ना केवल यात्रा अधिक तेज और सुगम होगी बल्कि रेल सुविधाओं में भी विस्तार होगा। इसके साथ क्षेत्र में औद्योगिक, व्यापारिक व सामाजिक गतिविधियों को भी गति मिलेगी। मौके पर दीनानाथ कटारिया, धर्मपाल बारूपाल, रामेश्वर लाल, चन्नी जैन, बिहारीलाल गुप्ता, नंदलाल लिम्बा व विशाल शर्मा आदि भी मौजूद थे।

लोको पायलट व रेलवे के कर्मचारियों का स्वागत किया

उधर, रेल संघर्ष समिति ने इलेक्ट्रिक ट्रेन के लोको पायलट सूरजभान मीणा, मोहित पारीक व तकनीकी कार्मिक के साथ स्थानीय स्टेशन मास्टर हरिओम यादव व अन्य रेल कर्मियों का माल्यार्पण के साथ स्वागत किया। वहीं उन्हें मिठाई खिलाकर खुशी का इजहार किया। स्टेशन मास्टर ने बताया कि सूरतगढ़-श्रीगंगानगर के मध्य इलेक्ट्रिक इंजन का ट्रॉयल पहले हो चुका है लेकिन यात्री गाड़ी के साथ संचालन पहली बार हुआ है।