Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

गुणवत्ता परीक्षण लैब बनी कबाड़, जांच के नाम पर हो रही खानापूर्ति

ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग का मामला

less than 1 minute read
Google source verification
  • श्रीगंगानगर जिले में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के तहत निर्माण कार्यों की गुणवत्ता जांच के लिए स्थापित प्रयोगशालाएं निष्क्रिय पड़ी हैं। पत्रिका की पड़ताल में सामने आया कि वर्ष 2017 में पंचायत समिति और जिला स्तर पर जो लैब स्थापित की गई थीं, वे आज कबाड़ में तब्दील हो चुकी हैं। इनका संचालन लंबे समय से नहीं हो रहा, जिससे निर्माण कार्यों की गुणवत्ता जांच के नाम पर केवल खानापूर्ति हो रही है।
  • जिला परिषद स्थित मनरेगा कार्यालय में बनी जिला स्तरीय लैब का कमरा ताले में बंद मिला। जब ताला खुलवाकर जांच की गई तो अंदर मशीनें, ईंटों की टैल और अन्य सामान बेतरतीब ढंग से पड़ा था। कार्मिकों ने स्वीकार किया कि लंबे समय से कोई परीक्षण नहीं हुआ है। इसी तरह पंचायत समिति श्रीगंगानगर की लैब भी राजीविका कार्यालय परिसर में बंद पड़ी है। सूत्रों ने बताया कि यह कमरा कभी खुलता ही नहीं और जांच के नाम पर औपचारिकता निभाई जाती है।अधीक्षण अभियंता मुकेश माहेश्वरी ने स्पष्ट किया है कि प्रयोगशालाओं की स्थापना के बावजूद उनसे रिपोर्ट प्राप्त नहीं करना गलत है। अन्य लैब से रिपोर्ट लेना अनाधिकृत है और यह व्यवस्था तत्काल बंद की जाए। उन्होंने निर्देशित किया है कि प्रयोगशालाओं में स्थापित उपकरणों का समय-समय पर कैलिब्रेशन किया जाए और कोर कटिंग, टेस्टिंग जैसे कार्य पंचायत समिति व जिला स्तर पर ही किए जाएं।

आवश्यक कार्रवाई की जाएगी

  • राजीविका में पंचायत समिति स्तर की गुणवत्ता जांच लैब सहायक अभियंता के भरोसे चल रही है, लेकिन वहां स्थायी कर्मचारी की नियुक्ति नहीं है। यदि नियमित जांच नहीं हो रही है तो निरीक्षण कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
  • भंवरलाल स्वामी, बीडीओ, श्रीगंगानगरयदि ब्लॉक और जिला स्तर पर स्थापित लैब का संचालन सही ढंग से नहीं हो रहा है तो उनका भौतिक सत्यापन कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।गिरधर, सीईओ, जिला परिषद

बड़ी खबरें

View All

श्री गंगानगर

राजस्थान न्यूज़

ट्रेंडिंग