
खूंखार नक्सली माडवी हिड़मा (Photo Patrika)
Naxal Encounter: छत्तीसगढ़ आंध्र प्रदेश की सीमा पर जवानों की नक्सलियों के बीच सीताराम राजू ज़िले के जंगलों में मंगलवार को सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच भीषण मुठभेड़ छिड़ गई। इस मुठभेड़ में कम से कम 6 नक्सली मारे गए हैं। इसक साथ ही खूंखार नक्सली माडवी हिड़मा एनकाउंटर में आंध्र प्रदेश में मारा गया है। इस पर छत्तीसगढ़ सरकार ने एक करोड़ रुपये का इनाम घोषित कर रखा था।
हिड़मा के अलावा उसकी पत्नी राजे सहित कुल 6 नक्सलियों के शव सुरक्षाबलों ने बरामद किए है। बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने कुख्यात माओवादी कमांडर माडवी हिड़मा के एनकाउंटर की पुष्टि की है।
माडवी हिड़मा साल 1996 में नक्सल संगठन से जुड़ा था। तब उसकी उम्र महज 17 साल थी। हिड़मा को हिदमाल्लु और संतोष नाम से भी जाना जाता है। उसने अब तक कई निर्दोष ग्रामीण और पुलिस जवानों को मार चुका। उसके सिर पर 1 करोड़ रुपये का इनाम घोषित था। हिड़मा संगठन संगठनों का टॉप लीडर माना जाता है। माडवी हिड़मा साल 2004 से अब तक 27 से अधिक हमलों में शामिल था. इन हमलों में 2013 का झीरम अटैक और 2021 का बीजापुर अटैक शामिल है।
बता दें कि कुख्यात हिड़मा को सुरक्षा बलों के खिलाफ उसके अभियानों के लिए जाना जाता है। 3 अप्रैल 2021 को सुरक्षाबल पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी की बटालियन नंबर-1 के कमांडर माड़वी हिड़मा को पकड़ने निकले थे, लेकिन मौके पर नक्सलियों ने जवानों पर हमला बोल दिया और इस मुठभेड़ में 22 जवानों की मौत हो गई थी। वहीं अप्रैल 2017 के बुर्कापाल हमले में सीआरपीएफ के 24 जवान शहीद हो गए थे। दंतेवाड़ा हमले में सीआरपीएफ के 76 जवान शहीद हो गए थे। राज्य पुलिस के मुताबिक, दंतेवाड़ा हमले में भी हिड़मा ने सामने से नेतृत्व किया था।
हिड़मा का जन्म दक्षिण सुकमा के पुवार्ती गांव में हुआ था और वो बीजापुर में एक स्थानीय जनजाति से संबंध रखता था। वो माओवादियों की पीपल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (PGLA) बटालियन-1 का हेड था। इसके अलावा माओवादी स्पेशल जोनल कमेटी (DKSZ) का भी सदस्य था। इतनी ही नहीं सीपीआई की 21 सदस्यीय सेंट्रल कमेटी का सदस्य था।
हिड़मा पर छत्तीसगढ़ समेत अलग-अलग राज्यों में करीब एक करोड़ रूपये से भी ज्यादा का इनाम घोषित था। पिछले दिनों खुद प्रदेश के उप मुख्यमंत्री सह गृहमंत्री विजय शर्मा पूवर्ती गाँव पहुंचे थे और हिड़मा की माँ से भेंट कर उनका हाल चाल जाना था। उसकी माँ ने बताया था कि, वह कई दफे उसे हथियार छोड़ने की अपील कर चुकी है, लेकिन वह उनकी बात नहीं मानता है।
2010 दंतेवाड़ा हमला: 76 CRPF जवान शहीद
2013 झीरम घाटी नरसंहार: 27 लोग मारे गए, जिनमें कांग्रेस के शीर्ष नेता शामिल
2021 सुकमा–बीजापुर एम्बुश: 22 सुरक्षा बलों के जवान शहीद
Updated on:
18 Nov 2025 12:05 pm
Published on:
18 Nov 2025 12:04 pm
बड़ी खबरें
View Allसुकमा
छत्तीसगढ़
ट्रेंडिंग
