
कुण्डेश्वर मंदिर के पार्क की बदहाल स्थितियां
टीकमगढ़ कुण्डेश्वर धाम जैसे धार्मिक पर्यटक केंद्र में भारी राशि खर्च होने के बावजूद रखरखाव की व्यवस्था न होने से सरकारी राशि और सुविधाएं दोनों ही खराब होते जा रहे है। श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए यहां की अव्यवस्थाएं अब गंभीर समस्या बनती जा रही है। जिम्मेदार विभागों के बीच तालमेल और रखरखाव की स्पष्ट जवाबदेही तय होना अब बेहद जरूरी है।
कुण्डेश्वर मैदान में बनाए गए तीन पार्क आज अपनी बदहाली की कहानी खुद बयां कर रहे है। बच्चों के लिए लगाए गए झूले और कुर्सियां अब जर्जर हो चुकी है। कई झूले रस्सियों के सहारे लटक रहे है, जबकि पार्क की लोहे की रेलिंग जगह जगह से टूटी और जंग खाई हुई है। टूट फू ट की वजह से अब बच्चों ने इन पार्कों में जाना लगभग बंद कर दिया है।
लोगों का कहना है कि पर्यटक और धार्मिक पहचान को बनाए रखने के लिए जरूरी है कि पार्कों, द्वारों और घाटों की तत्काल मरम्मत हो। लंबे समय से अधूरे पड़े निर्माण कार्यों को पूरा किया जाए और स्थायी रखरखाव की व्यवस्था तय की जाए। श्रद्धालुओं का कहना है कि सुधार की उम्मीदें बार बार जगाई जाती है, लेकिन जमीनी हालात में कोई बदलाव नहीं दिखता।
श्रद्धालुओं का कहना है कि कुण्डेश्वर धाम जैसे प्रमुख धार्मिक स्थल पर हर दिन हजारों लोग आते है, लेकिन सुविधाओं और सौंदर्यीकरण पर ध्यान न देने से जगह की छवि खराब हो रही है। पार्क, झूले, घाट, द्वार,ृ सब टूट फू ट की हालत में है, जबकि इन स्थानों को बेहतर बनाने के लिए पहले भी लाखों रुपए खर्च किए जा चुके है।
वर्ष 2008 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा कुण्डेश्वर धाम को ग्राम पर्यटक का दर्जा दिया था। विकास कार्य के लिए बड़े दावे किए गए थे। टीन शेड, पार्क, मुख्य द्वार और जमडार नदी के घाट बनाने जैसे कार्यों पर करीब 3 करोड़ 75 लाख रुपए स्वीकृत हुए। इनमें से लगभग 1 करोड़ 50 लाख रुपए नगरपालिका के माध्यम से खर्च भी किए गए। लेकिन आज स्थिति यह है कि इन निर्माणों की देखरेख करने वाला कोई नजर नहीं आ रहा। रखरखाव के अभाव में डेढ़ करोड़ रुपए से विकसित ढांचा जर्जर होकर टूटने की कगार पर है।
मंदिर मैदान की स्वच्छता पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जमडार नदी और मैदान में कचरे के ढेर लगे हुए है। दोनों द्वारों पर लगाई गई टाइल्स टूट गई है। हालांकि प्रमुख द्वारा की मरम्मत और निर्माण कार्य के साथ मंदिर से मुख्य रोड तक नाली निर्माण किया गया है। लेकिन अव्यवस्था अब भी फैली हुई है।
कुण्डेश्वर धाम पर हर रोज हजारों की संख्या में श्रद्धालु भोलेनाथ के दर्शन करने के लिए आते है। जमडार नदी और घाटों के आसपास सफाई की व्यवस्था जरूरी है। बच्चों और आमजनों के लिए बनाई गई व्यवस्थाओं का रखरखाव किया जाना चाहिए।
मंदिर में फैली अव्यवस्थाओं का सुधार कराने के लिए समग्र विकास की फाइल तैयार है। जिला प्रशासन के माध्यम से शासन को भेजी जाएगी। अधूरे पड़े निर्माण कार्य और अन्य जरूरतों को मंदिर कोष और शासन के कोष से पूर्ण कराया जाएगा। इसका प्रस्ताव सभी पदाधिकारियों की स्वीकृति से डाला जाएगा।
Published on:
08 Dec 2025 07:09 pm
बड़ी खबरें
View Allटीकमगढ़
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
