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Rajasthan: एक ही चिता पर तीन चचेरे भाइयों का अंतिम संस्कार, हर आंख हुई नम, परिवार में कोहराम

झिराना थाना पुलिस ने सोमवार तीनों का पोस्टमॉर्टम करवाकर शव परिजनों को सौंपे। शवों को पिकअप से घर लाया गया तो चीख पुकार मच गई। तीनों घरों में कोहराम मच गया।

टोंक

Rakesh Mishra

Aug 11, 2025

death of cousins in Tonk
प्रतीकात्मक तस्वीर

राजस्थान के टोंक के पीपलू उपखंड क्षेत्र की चौगाई ग्राम पंचायत के गांव सौंधीफल बैरवा ढाणी में सोमवार को एक ही चिता पर 14-15 साल के तीन चचेरे भाइयों का दाह संस्कार किया गया तो हर आंख नम हो गई। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। तीनों की रविवार शाम तालाब में डूबने से मौत हो गई थी। सोमवार को गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार किया गया।

बैरवा की ढाणी में तीन सगे भाइयों के परिवार रहते हैं। ऐसे में किसी भी घर में रविवार शाम से चूल्हा नहीं जला। पूरे गांव में मातम का माहौल है। सांत्वना देने लोगों के आने का सिलसिला जारी है। इस दौरान प्रभावित परिवारों को 9-9 लाख रुपए की आर्थिक मदद देने की बात कही गई है। इसको लेकर जिला कलेक्टर कल्पना अग्रवाल के निर्देश पर प्रस्ताव तैयार किए गए हैं।

पोस्टमार्टम के बाद तीनों शव घर पहुंचे तो मची चीख-पुकार

झिराना थाना पुलिस ने सोमवार सुबह 8.45 बजे तीनों का पोस्टमॉर्टम करवाकर शव परिजनों को सौंपे। शवों को पिकअप से घर लाया गया तो चीख पुकार मच गई। तीनों घरों में कोहराम मच गया। सुबह 11 बजे एक ही चिता पर अंकेश, विकास और सुनील का अंतिम संस्कार कर दिया गया।

इस दौरान तहसीलदार कैलाश मीणा, पीपलू पंचायत समिति प्रधान रतनी देवी चंदेल, सत्यनारायण चंदेल, मंडल अध्यक्ष पुरुषोत्तम शर्मा, सरपंच प्रतिनिधि नरेन्द्रसिंह, राजेन्द्रसिंह राजावत, सूरज काशीपुरा सहित काफी संख्या में जनप्रतिनिधि व ग्रामीण घटना की सूचना पर पीपलू सीएचसी पहुंचे तथा परिजनों को ढांढस बंधाया।

जिला कलक्टर ने पहुंच ली घटना की जानकारी

टोंक जिला कलक्टर कल्पना अग्रवाल ने हादसे के बाद संवेदनशीलता दिखाते हुए रविवार रात को सामुदायिक अस्पताल पीपलू पहुंचकर घटना की जानकारी ली। पीड़ित परिवार के परिजनाें से मिलकर उन्हें ढांढस बंधाया साथ ही अधिक अधिक से अधिक आर्थिक मदद दिलवाए जाने का भरोसा दिलाया।

इस दौरान पीपलू तहसीलदार को सहायता को लेकर प्रस्ताव बनाए जाने के निर्देश दिए। पीपलू उपखंड अधिकारी गणराज बड़गौती ने बताया कि पीड़ित परिजन के लिए आर्थिक मदद का प्रस्ताव बनाकर जिला कलक्टर के माध्यम से राज्य सरकार को भेजा जाएगा। ये परिवार खाद्य सुरक्षा योजना में बताए गए हैं। ऐसे में इसमें पांच लाख का बीमा होता है। इसके अलावा प्रति मृतक के आश्रित को एसडीआरएफ से चार-चार लाख की आर्थिक मदद का प्रोपोजल जोड़कर भेजा जाएगा।

रक्षाबंधन पर जयपुर से गांव आया था अंकेश

अंकेश के पिता शंकरलाल जयपुर रहते हैं। दो बेटों, एक बेटी और पत्नी के साथ शंकरलाल रक्षाबंधन पर्व मनाने के लिए राखी से 2 दिन पहले ही गांव बैरवा की ढाणी आए थे। अंकेश जयपुर में ही पढ़ाई करता था। तीनों बच्चे गरीब परिवारों से हैं।

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सुनील और विकास राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बोरखंडी कलां (पीपलू, टोंक) में कक्षा 10 में पढ़ते थे। परिवार के सदस्य लैब टेक्नीशियन सीताराम बैरवा ने बताया कि तीनों बच्चे अपने परिवारों में बड़े बेटे थे। अंकेश दो भाई और एक बहन में सबसे बड़ा था। विकास भी दो भाइयों में बडा था। इसी तरह सुनील भी दो भाइयों में बड़ा था।