इंदौर शहर होलकर राजवंश का शहर रहा है। यहां होलकर राजवंश से जुड़े कई ऐतिहासिक इमारते देखने को मिलती हैं। इन्हीं इमारतों में है एक नाम है कृष्णापुरा छत्री। यह जगह होलकर राजवंश सदस्यों की कब्र के लिए जानी जाती है। यह शहर के बीचों बीच खान नदी पर स्थित है। करीब 150 वर्ष पुरानी इन छत्रियों में शिवाजीराव महाराज, तुकोजीराव महाराज (द्वितीय) यशवंतराव होलकर (द्वितीय) , कृष्णाबाई होलकर और मनोरमा राजे की समाधियां हैं। ये छत्रियां बेहद ही खूबसूरत हैं। यहां का वास्तु बेहद ही आर्कषक है। सुबह सूरज उगने के साथ ही यहां जो खूबसूरती बरसती है वो देखते ही बनती है। ये छत्रियां मराठा और राजपूत स्थापत्य में निर्मित हैं। इस छत्रियों में शिवलिंग की स्थापना की गई हैं, साथ ही जिनकी छत्री है उनकी मूर्तियां भी लगाई गई हैं। छत्रियों के निर्माण की शुरुआत कृष्णाबाई की छत्री से हुआ। इसके बाद तुकोजीराव होलकर (द्वितीय) और शिवाजीराव होलकर की छत्रियों का निर्माण किया गया। इनकी नक्काशी देखते ही बनती है जिनमे दरबान, बेल, बूटे इत्यादि हैं जो कि बेहद ही खूबसूरत और आकर्षक हैं।