
Rajasthan Roadways (Patrika Photo)
उदयपुर: राजस्थान रोडवेज में बसों की कमी का असर ग्रामीण क्षेत्रों में मुसीबत खड़ी कर रहा है। रोडवेज की कमजोरी का लाभ निजी बस संचालक ले रहे हैं। ऐसा ही मामला झाड़ोल रूट का भी है।
बता दें कि इस रूट पर कभी 12 से अधिक बसें थी, अब यहां मात्र पांच बसें ही चल रही हैं। ऐसे में सभी बसें पूरी भरी हुई चलती हैं। इससे यात्रियों को खासी परेशानी हो रही है।
जानकारी के अनुसार, झाड़ोल फलासिया और आसपास के क्षेत्रों में कई कर्मचारी डेली अपडाउन करते हैं। ऐसे में सुबह की बसों में काफी मारामारी रहती है। उदयपुर से झाड़ोल सुबह तीन बसें चल रही हैं। सभी बसें शहर के शिक्षा भवन चौराहे से भी खचाखच भर जाती हैं। ऐसे में इससे आगे के यात्रियों खासकर महिलाओं और बुजुर्गों को सफर करने में खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
झाड़ोल के लिए सुबह पौने छह बजे झाड़ोल, कोटड़ा अंबाजी, पौने सात बजे देवला, कोटड़ा, खेडब्रह्मा व पौने आठ बजे झाड़ोल, फलासिया, अंबाजी की बस है। फिर 12 बजे सोम, गरणवास, खेरवाड़ा की बस है। चार घंटे में एक भी बस नहीं है। दोपहर 1.15 बजे से झाड़ोल, फलासिया, अंबासा और शाम 5 बजे उदयपुर से फलासिया है।
शहर से निकलने के साथ ही झाड़ोल मार्ग पर कई निजी बसें और जीप दिखाई देती हैं। सभी यात्रियों से ओवरलोड भरी रहती है। इसके साथ ही यह रूट शुरू से रोडवेज को अच्छा मुनाफा देता रहा है, लेकिन बसों की कमी के चलते इस पर भी बसों की कटौती कर दी गई।
फलासिया के कांतिलाल जैन ने बताया, दस साल पहले हर घंटे में बस थी, सभी बसें ओवरलोड चलती थीं। अब दिनभर में मात्र पांच गाड़ियां हैं। इससे यात्रियों को काफी परेशानी होती है।
किरण यादव ने बताया कि सुबह की बसों में डेली अपडाउन करने वाले कर्मचारी जाते हैं। ऐसे में सुबह 8 बजे के आसपास एक बस और चलाई जानी चाहिए। इससे रोडवेज का राजस्व भी बढ़ेगा।
प्रवीण हिरावत ने बताया कि झाड़ोल रूट पर बस कम होने से खासी परेशानी हो रही है। निजी बस में मनमाना किराया वसूला जाता है।
Published on:
07 Dec 2025 12:13 pm
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