
Lavi Jain (Patrika Photo)
Udaipur News: उदयपुर शहर की लवी जैन ने अथक मेहनत से 22 साल की उम्र में पायलट बन आसमान छूने का अपने बचपन का सपना साकार किया है। केंद्र सरकार के उपक्रम इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी, रायबरेली (आईजीएनए) से कठिन प्रशिक्षण पूरा कर 3 दिसंबर को पायलट बनीं लवी दूसरों के लिए प्रेरणा बनीं।
बता दें कि 10वीं के बाद ही उन्होंने लक्ष्य तय करके आत्मविश्वास, मेहनत और जज्बे के बल पर सफलता हासिल की। उनकी इस उपलब्धि पर परिवार और दिगंबर जैन समाज में गर्व का माहौल है। लवी कहती हैं, लक्ष्य स्पष्ट हो और तैयारी ईमानदारी से की जाए तो मुश्किलें रास्ता नहीं रोकतीं।
सेक्टर-14 निवासी पीयूष जैन एवं सुनीता जैन की पुत्री लवी जैन ने 10वीं कक्षा उत्तीर्ण करते ही पायलट बनने का सपना संजो लिया। 12वीं (विज्ञान संकाय) का परिणाम आने से पहले ही उन्होंने उड़ान अकादमी की प्रवेश परीक्षा के लिए आवेदन कर दिया था। परिवार ने कहीं घूमने का प्लान बनाया तो सभी का अच्छा मूड देखकर लवी ने पहली बार परिवार को अपने सपने और इस परीक्षा की जानकारी दी।
उन्होंने पहली ही बार में परीक्षा उत्तीर्ण कर ली। इसकी जानकारी जब दादा अमृतलाल बोहरा को चली तो वे इस चुनौतीपूर्ण करियर को लेकर आशंकित हुए। इस पर दादी इंदिरा देवी और बड़े पापा अखिलेश ने उन्हें मनाकर लवी की राह आसान की। लवी ने फिजिकल फिटनेस टेस्ट और इंटरव्यू भी सफलतापूर्वक पास किया। भाई भव्य राइफल शूटिंग में नेशनल प्लेयर रह चुका है। अभी सीए की तैयारी कर रहा है।
लवी को शुरू से पेंटिंग, क्राफ्ट और घूमने का शौक रहा है। उनका मानना है कि यदि व्यक्ति स्वयं सजग, संस्कारवान और ऊर्जावान रहे तथा लक्ष्य के प्रति प्रतिबद्ध हो तो सफलता अवश्य मिलती है।
परिजन का कहना है कि ऊंचे आसमान में उड़ती बेटी आज पूरे समाज के लिए गर्व की प्रतीक बन गई। उसने अपने सपनों को सच कर यह साबित किया है कि बेटियां हर क्षेत्र में मिसाल कायम कर सकती हैं।
दशा हुमड़ दिगंबर जैन समाज के समाज प्रमुख अशोक शाह ने बताया, लवी ने भारतवर्षीय दिगंबर जैन हुमड़ समाज की प्रथम महिला पायलट बनने का गौरव प्राप्त किया है। यह उपलब्धि समाज के लिए गौरवपूर्ण है और नारी शक्ति की सशक्त मिसाल है।
Published on:
09 Dec 2025 03:19 pm
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