कहते हैं बाएं हाथ का खेल आसान होता है, लेकिन जिनके लिए यह सचमुच बाएं हाथ का खेल है, उनकी जिंदगी हमेशा इतनी आसान नहीं होती। दुनिया की कुल आबादी में महज 15 फीसदी लोग ही ऐसे हैं जो कलम, कूची, रैकेट या कंप्यूटर माउस सबकुछ बाएं हाथ से चलाते हैं। 13 अगस्त को मनाया जाने वाला अंतरराष्ट्रीय लेफ्ट-हैंडर्स डे इन्हीं खास लोगों का दिन है, जो रोजमर्रा की उन चीजों में भी कमाल कर दिखाते हैं, जिन्हें उनके लिए बनाया ही नहीं गया। इतिहास से लेकर आज तक, लियोनार्डो दा विंची, बराक ओबामा, सचिन तेंदुलकर और अमिताभ बच्चन जैसे नाम बताते हैं कि लेफ्टीज भी बड़े-बड़े काम कर सकते हैं। इसी कड़ी में हैं, उज्जैन के वो लेफ्टी, जिन्होंने इस आदत को पहचान में बदला, चुनौतियों को हथियार बनाया और अपनी-अपनी दुनिया में छाप छोड़ दी।
किशोर भाटी, जिन्हें शिक्षा जगत में उत्कृष्ट कार्य के लिए राष्ट्रपति पुरस्कार मिला है, लेफ्ट-हैंडेड होने को रचनात्मकता व नवाचार का स्रोत मानते हैं। दिव्यांग बच्चों के लिए काम कर रहे भाटी कहते हैं, लेफ्ट-हैंडर्स निडर, दृढ़ निश्चयी और जिद्दी होते हैं, लेकिन यही गुण नकारात्मक माहौल में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन करने में सक्षम बनाते हैं। वे मानते हैं कि बाएं हाथ की आदत ने उन्हें कठिन परिस्थितियों में भी नए समाधान खोजने की ताकत दी है। सोच है कि यह गुण शिक्षण पद्धति में नई राहें खोलने और प्रतिभा निखारने में सहायक रहा है।
राष्ट्रीय कवि दिनेश दिग्गज कहते हैं, बाएं हाथ से लिखने की आदत ने उन्हें हमेशा अलग दृष्टिकोण से सोचने और रचने की क्षमता दी। उनके अनुसार, लेफ्ट-हैंडर्स अधिक सजग, कल्पनाशील और प्रयोगधर्मी होते हैं, इसीलिए साहित्य, कला और सामाजिक चेतना में उनका योगदान विशिष्ट रहता है। देश के कई राज्यों में मंचों पर काव्यपाठ कर चुके दिग्गज साहित्य जगत के बड़े और स्थापित नामों में शुमार हैं। वे मानते हैं कि बाएं हाथ से लिखना केवल एक आदत नहीं, बल्कि रचनात्मकता को एक नई दिशा देने वाला गुण है, जिसने उनकी लेखनी को एक अलग पहचान दी।
अजित पोरवाल का परिवार लेफ्ट-हैंडेड होने का अनोखा उदाहरण है वे स्वयं, उनके बेटे और यहां तक कि उनका पोता भी लेफ्टी हैं। पोरवाल जी इसे भगवान का विशेष वरदान मानते हैं। वे कहते हैं, लेफ्ट-हैंडर्स मानसिक रूप से प्रबल, तेजवान और क्विक लर्नर होते हैं। उनका बेटा आइआइटी कानपुर से पढ़ाई कर आज गूगल में कार्यरत है और वे मानते हैं कि लेफ्ट-हैंडेड होने ने ही उसे बचपन से तेज दिमाग और समस्या-समाधान की अनोखी क्षमता दी। पोरवाल का विश्वास है कि यह आदत पीढ़ी-दर-पीढ़ी सिर्फ़ अलग पहचान ही नहीं, बल्कि उत्कृष्टता की मिसाल भी देती है।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा, बिल क्लिंटन, जॉर्ज एच.डब्ल्यू. बुश, रोनाल्ड रीगन व गेराल्ड फोर्ड बाएं हाथ से काम करने वालों की सूची में शामिल हैं। ऐतिहासिक हस्तियों में सिकंदर महान, जूलियस सीजर व बेंजामिन फ्रैंकलिन के नाम आते हैं। कला जगत में लियोनार्डो दा विंची, माइकल एंजेलो, चार्ली चैपलिन, टॉम क्रूज़ और मर्लिन मुनरो भी लेफ्टी रहे हैं। खेल जगत में पेले, लैरी बर्ड, जॉन मैकेनरो और मार्क स्पिट्ज़ जैसे खिलाड़ी इसी श्रेणी में हैं। भारत में महात्मा गांधी, अमिताभ बच्चन, सचिन तेंदुलकर, नरेंद्र मोदी और रतन टाटा जैसे नाम शामिल हैं।
इंतखाब अहमद खान ने कहा कि लेफ्ट हैंडर्स केवल अलग नहीं, बल्कि विशेष क्षमताओं के धनी हैं। वे अपनी रचनात्मक सोच, धैर्य और संघर्षशीलता से हर क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छूते हैं। हमारा प्रयास है, समाज में उनके प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण और सम्मान बढ़े, ताकि हर लेफ्टी गर्व के साथ अपनी पहचान जी सके।
दैनिक जीवन में उपयोग होने वाली कई चीजें जैसे कैंची, कैमरा, कैन ओपनर, रूलर, कंप्यूटर माउस, घड़ियां और बिजली के उपकरण अक्सर दाएं हाथ वालों को ध्यान में रखकर डिजाइन किए जाते हैं। ऐसे में बाएं हाथ वालों को इन्हें इस्तेमाल करने में असुविधा होती है। कभी-कभी यह असुविधा स्वास्थ्य के लिए भी जोखिम भरी हो सकती है, जैसे तेज़ उपकरणों के इस्तेमाल में हाथ कटने या चोट लगने का खतरा।
विशेषज्ञ बताते हैं, बाएं हाथ वाले लोग निडर होते हैं। नकारात्मक माहौल में भी बेहतरीन प्रदर्शन कर सकते हैं। वे थोड़े जिद्दी और कभी कठोर स्वभाव के हो सकते हैं, जिससे उनके दुश्मन ज्यादा हो जाते हैं। कुछ शोध यह भी बताते हैं कि इनका वर्बल आउटपुट (बोलने की क्षमता) दाएं हाथ वालों से अधिक हो सकता है, हालांकि यह सर्वमान्य नहीं है।
मनोवैज्ञानिक डॉ. राजेश सागर सलाह देते हैं कि यदि बच्चा लेफ्ट-हैंडेड है तो माता-पिता को शिक्षा में सहयोगी होना चाहिए। उदाहरण के तौर पर, स्कूल में सीटिंग अरेंजमेंट इस तरह हो कि लिखते समय उसे परेशानी न हो। दूसरे बच्चों को मजाक उड़ाने से रोकें, ताकि वह तनावमुक्त रह सके। सबसे महत्वपूर्ण बात लेफ्ट-हैंडेड होने को लेकर कोई अंधविश्वास न पालें, यह न तो शुभ है और न अशुभ।
Published on:
13 Aug 2025 09:50 am