
पहले 210 मेगावाट की यूनिट नंबर-2 बंद हुई, फिर 500 मेगावाट की यूनिट में आई खराबी
जिले के बिरसिंहपुर स्थित संजय गांधी ताप विद्युत केंद्र में एक बार फिर तकनीकी दिक्कतों ने उत्पादन को प्रभावित कर दिया है। केंद्र की दो यूनिटें एक साथ बंद हो जाने से बिजली उत्पादन पर बड़ा असर पड़ा है। मंगलवार को 210 मेगावाट की यूनिट नंबर-2 में खराबी आने के बाद उसे बंद करना पड़ा, वहीं बुधवार को 500 मेगावाट की यूनिट में बॉयलर ट्यूब लीकेज की वजह से उत्पादन रोकना पड़ा। इन दोनों यूनिटों के बंद होने से कुल 710 मेगावाट बिजली का उत्पादन ठप हो गया है।
सूत्रों के मुताबिक, 210 मेगावाट की यूनिट में अचानक जनरेटर से जुड़ी समस्या आने लगी थी। तकनीकी टीम ने एहतियात के तौर पर यूनिट को बंद कर जांच शुरू की। इसी बीच बुधवार सुबह 500 मेगावाट की यूनिट में बॉयलर ट्यूब फटने की सूचना मिली, जिसके चलते उसे भी तत्काल बंद कर दिया गया। अब संयंत्र की शेष यूनिटों से ही उत्पादन जारी है, जिससे कुल उत्पादन क्षमता पर गहरा असर पड़ा है। संजय गांधी ताप विद्युत केंद्र के मुख्य अभियंता एच.के. त्रिपाठी ने बताया कि 210 मेगावाट की यूनिट में जनरेटर की समस्या की मरम्मत जारी है। वहीं 500 मेगावाट की यूनिट में बॉयलर ट्यूब लीकेज की पुष्टि हुई है, जिसके चलते उसे सुरक्षित रूप से बंद किया गया है। उन्होंने कहा कि दोनों यूनिटों को जल्द से जल्द चालू करने के लिए तकनीकी टीम चौबीसों घंटे काम कर रही हैं। मुख्य अभियंता के अनुसार, 210 मेगावाट की यूनिट को अगले दो से तीन दिनों में दोबारा चालू किए जाने की संभावना है। 500 मेगावाट यूनिट की मरम्मत में अपेक्षाकृत ज्यादा समय लग सकता है क्योंकि बॉयलर की जांच और ट्यूब बदलने की प्रक्रिया में बारीकी की जरूरत होती है।
संजय गांधी ताप विद्युत केंद्र प्रदेश का प्रमुख बिजली उत्पादन केंद्र है। यहां कुल पांच यूनिटें स्थापित हैं चार यूनिटें 210-210 मेगावाट क्षमता की और एक यूनिट 500 मेगावाट की। सामान्य परिस्थितियों में संयंत्र से औसतन 1340 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है। फिलहाल दो यूनिटों के बंद रहने से उत्पादन घटकर लगभग 600 मेगावाट के आसपास पहुंच गया है। कर्मचारियों का कहना है कि केंद्र की पुरानी यूनिटों पर इन दिनों लगातार दबाव बना हुआ है। बढ़ती बिजली मांग को पूरा करने के लिए इन्हें निरंतर चलाया जा रहा था, जिससे मशीनों पर अतिरिक्त लोड पड़ गया। इसी वजह से जनरेटर और बॉयलर जैसे उपकरणों में दिक्कतें सामने आ रही हैं।
बिजली संयंत्र प्रबंधन का कहना है कि यह स्थिति अस्थायी है। मरम्मत कार्य पूरा होते ही दोनों यूनिटों को फिर से चालू कर दिया जाएगा। विशेषज्ञ इंजीनियरों की टीम जांच में जुटी हुई है और जरूरी पुर्जे मंगवाए जा रहे हैं। यदि सब कुछ तय समय पर हो गया तो कुछ ही दिनों में संयंत्र फिर से पूरी क्षमता के साथ बिजली उत्पादन शुरू कर देगा। प्रदेश की ऊर्जा जरूरतों को देखते हुए संजय गांधी ताप विद्युत केंद्र की भूमिका अहम मानी जाती है। दो यूनिटों के बंद होने से बिजली आपूर्ति पर असर पढऩे की आशंका है, हालांकि विभाग का कहना है कि ग्रिड संतुलन के लिए वैकल्पिक स्रोतों से आपूर्ति बनाए रखी जा रही है।
Published on:
13 Nov 2025 03:59 pm
बड़ी खबरें
View Allउमरिया
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
