
उन्नाव सांसद साक्षी महाराज अपनी संसदीय क्षेत्र को सैंडविच बता चुके हैं। कानपुर और लखनऊ के बीच होने के कारण यहां की जनता को कई सुविधा नहीं मिल रही है। लखनऊ रेल प्रशासन भी उन्नाव जंक्शन रेलवे स्टेशन के प्रति उदासीन है। ट्रेन के ठहराव को लेकर भी भेदभाव बरता जा रहा है। जिला दैनिक यात्री संघ ने एक सूची तैयार की है। जिसमें उन्नाव को बाईपास करते हुए ट्रेनों का आवागमन किया जा रहा है। जबकि यही गाड़ियां लखनऊ और कानपुर के दो-दो स्टेशनों पर रुक रही है। सांसद साक्षी महाराज को दिए ज्ञापन में उन्होंने छह ट्रेनों के ठहराव की मांग की थी। जिनमें एक ट्रेन का ठहराव उन्नाव में शुरू हो चुका है।
जिला दैनिक यात्री संघ के जिला अध्यक्ष मूर्तियां हैदर रिज़वी ने सांसद साक्षी महाराज को दिए ज्ञापन में बताया है कि उन्नाव कलम और तलवार की धनी ऐतिहासिक जिला है। लेकिन रेल प्रशासन इसकी उपेक्षा कर रहा है। बिना रुके कई गाड़ियां निकल जाती हैं। जबकि उन्नाव रेलवे स्टेशन का विकास अमृत भारत योजना के अंतर्गत हो रहा है।
अपने ज्ञापन में जिला दैनिक यात्री संघ ने ट्रेन संख्या 12103 और 12104 लखनऊ पुणे एक्सप्रेस, 13239 और 13240 कोटा पटना एक्सप्रेस, 19715 और 19716 गोमती नगर जयपुर एक्सप्रेस, ट्रेन संख्या 12173 और 12174 प्रतापगढ़ लोकमान्य तिलक एक्सप्रेस, ट्रेन संख्या 15065 और 15066 गोरखपुर लोकमान्य तिलक पनवेल एक्सप्रेस, ट्रेन संख्या 12535 और 12536 लखनऊ रायपुर गरीब रथ, ट्रेन संख्या 12107 और 12108 सीतापुर लोकमान्य तिलक एक्सप्रेस शामिल है। इसमें कोटा पटना ट्रेन संख्या 13239 और 13240 का स्टॉपेज उन्नाव में शुरू हो गया है।
गोमती नगर से जयपुर जाने वाली ट्रेन संख्या 19715 और 19716 का लखनऊ और कानपुर में तीन स्टॉपेज है। गोमती नगर से खुलने के बाद या ट्रेन 4 किलोमीटर चलने के बाद बादशाह नगर रूकती है और फिर 9 किलोमीटर चलने के बाद ऐशबाग रूकती है। कानपुर सेंट्रल से खुलने के बाद यह ट्रेन 2 किलोमीटर चलकर अनवरगंज में रूकती है और फिर बिल्हौर में इसका स्टॉपेज है। लेकिन 66 किलोमीटर दूर स्थित उन्नाव में स्थापित नहीं दिया गया है। इस समय रविशंकर मिश्रा ने कटाक्ष किया कि उन्नाव का नाम कहां है। शहर के बीच से गुजरने वाली सड़क को राजधानी मार्ग बताया जाता है।
Published on:
28 Oct 2025 07:24 am
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