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एसआईआर कार्य में लापरवाही, तीन शिक्षक निलंबित, दो शिक्षामित्रों का रोका गया मानदेय

Negligence in SIR work, three teachers suspended उन्नाव में एसआईआर (SIR) में लापरवाही बरतने के आरोप में बीएसए ने तीन शिक्षकों को निलंबित कर दिया। जबकि दो शिक्षामित्र का मानदेय अग्रिम आदेशों तक रोक दिया गया है।

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उन्नाव में एसआईआर (फोटो सोर्स- उन्नाव सूचना विभाग)

फोटो सोर्स- उन्नाव सूचना विभाग

Negligence in SIR work, three teachers suspended उन्नाव में एसआईआर (SIR) में लापरवाही बरतने के आरोप में बेसिक शिक्षा अधिकारी ने तीन शिक्षकों को निलंबित कर दिया, जबकि दो शिक्षामित्र के मानदेय पर अग्रिम आदेश तक रोक लगा दी गई है। इसके साथ ही सभी शिक्षकों को हिदायत दी गई है कि निर्वाचन कार्य में किसी प्रकार की लापरवाही ना बरती जाए। क्योंकि यह कार्य शासन की प्राथमिकता में है।‌ लापरवाह शिक्षकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

तीन शिक्षकों और दो शिक्षामित्रों पर गिरी गाज

उत्तर प्रदेश के उन्नाव में एसआईआर (SIR) कार्य में लापरवाही के आरोप में बेसिक शिक्षा अधिकारी अमिता सिंह ने तीन शिक्षकों को निलंबित कर दिया, जिसमें प्राथमिक विद्यालय केशवपुर मियागंज के सहायक अध्यापक गोविंद गोपाल, सफीपुर विकासखंड के उच्च प्राथमिक विद्यालय के सहायक अध्यापक चंद्रभूषण, प्राथमिक विद्यालय अतहा की सहायक अध्यापिका नेहा गुप्ता शामिल हैं।

शिक्षामित्रों का मानदेय रोका गया

इसके साथ ही कंपोजिट विद्यालय बड़का देव की शिक्षामित्र सुमन देवी और प्राथमिक विद्यालय नौबतपुर की शिक्षामित्र शिव कांति के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है। जिनका मानदेय रोका गया है। अग्रिम आदेशों तक शिक्षामित्र को मानदेय नहीं दिया जाएगा। ‌

उप जिलाधिकारी ने नाराजगी व्यक्त की थी

उप जिलाधिकारी सफीपुर ने तीन शिक्षकों और दो शिक्षामित्रों के खिलाफ शिकायत की थी। जिसके अनुसार एसआईआर (SIR) से संबंधित कार्यों में शिक्षक और शिक्षामित्र लापरवाही बरत रहे हैं। इसके बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी अमिता सिंह ने संबंधित शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की है। निलंबन अवधि के दौरान नेहा गुप्ता और चंद्रभूषण को सफीपुर खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय और गोविंद गोपाल को मियागंज से बीआरसी से संबद्ध कर दिया गया है। बेसिक शिक्षा अधिकारी ने शिक्षकों को निर्देशित किया है कि एसआईआर (SIR) शासन की प्राथमिकताओं में है। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए। यदि भविष्य में इस प्रकार की शिकायत मिलती है तो कड़ी विभागीय कार्रवाई की जाएगी।