
UP Government Health Scheme (फोटो सोर्स : Whatsapp News Group )
Heart Attack Treatment Free Injection: उत्तर प्रदेश में हार्ट अटैक से होने वाली मौतों को कम करने के लिए राज्य सरकार ने एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक कदम उठाया है। सरकार ने निर्णय लिया है कि अब हार्ट अटैक के मरीजों को प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों, जिला अस्पतालों और प्रमुख सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) में निशुल्क ‘टेनेक्टेप्लाज’ या ‘स्ट्रेप्टोकाइनेज’ इंजेक्शन लगाया जाएगा। यह इंजेक्शन बाजार में लगभग 40 से 50 हजार रुपये में मिलता है, लेकिन अब इसे पूरी तरह मुफ्त उपलब्ध कराया जाएगा। यह निर्णय स्वास्थ्य सेवाओं को आम जनता की पहुंच तक लाने और जीवन रक्षा क्षमता को बढ़ाने की दिशा में बड़ी पहल माना जा रहा है।
हार्ट अटैक की स्थिति में हृदय की रक्त वाहिकाओं में रक्त का थक्का जम जाता है, जिससे रक्त प्रवाह रुक जाता है और मरीज की जान पर खतरा बढ़ जाता है। समय पर ‘टेनेक्टेप्लाज’ या ‘स्ट्रेप्टोकाइनेज’ इंजेक्शन दिए जाने से यह थक्का घुल जाता है और मरीज की जान बचाने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। विशेषज्ञों के मुताबिक,शुरुआती 90 मिनट मरीज के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं। सही समय पर यह इंजेक्शन लगने से मृत्यु दर लगभग 30 से 40 प्रतिशत तक कम की जा सकती है। ग्रामीण क्षेत्रों में यह सुविधा शुरू होने से हार्ट अटैक के बाद की मौतों में उल्लेखनीय कमी आएगी।
इससे पहले यह जीवनरक्षक इंजेक्शन केवल कुछ मेडिकल कॉलेजों और बड़े अस्पतालों में उपलब्ध था, जिसके चलते कई मरीज हार्ट अटैक के दौरान इलाज के अभाव में दम तोड़ देते थे। मरीजों को अक्सर कई किलोमीटर दूर स्थित सुपर स्पेशलिटी अस्पतालों तक ले जाना पड़ता था, जिससे ‘गोल्डन आवर’ निकल जाता था और इलाज का असर कम हो जाता था। लेकिन अब सरकार ने निर्देश जारी कर दिया है कि हर जिला अस्पताल,प्रमुख सीएचसी,सभी मेडिकल कॉलेज में इस इंजेक्शन की अनिवार्य रूप से उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
पहले चरण में यह सुविधा उत्तर प्रदेश के प्रमुख सुपर स्पेशियलिटी संस्थानों में शुरू की गई थी। इनमें शामिल हैं-
यहाँ से योजना को हब एंड स्पोक मॉडल के तहत आगे बढ़ाया गया। अब जिला अस्पतालों और सीएचसी में भी यह सुविधा जोड़ दी गई है, जिससे प्राथमिक स्तर पर ही हार्ट अटैक का इलाज शुरू किया जा सकेगा।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. रतनपाल सिंह सुमन ने सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (CMO) को सख्त निर्देश जारी किए हैं कि जिला अस्पतालों में इस इंजेक्शन का पर्याप्त स्टॉक रखा जाए। सीएचसी जहां ईसीजी और अन्य जांच की सुविधा है, वहाँ भी इंजेक्शन उपलब्ध हो। इमरजेंसी स्टाफ को इंजेक्शन के उपयोग और प्रोटोकॉल की विशेष ट्रेनिंग दी जाए। इंजेक्शन देने के बाद मरीज को तुरंत सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में रेफर किया जाए महानिदेशक प्रशिक्षण डॉ. पवन कुमार अरुण के अनुसार पहले चरण में सात मेडिकल कॉलेजों और कुछ जिला अस्पतालों में इंजेक्शन मुफ्त उपलब्ध कराया गया था। इसके अच्छे परिणामों को देखते हुए अब इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जा रहा है।
राज्य के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि “प्रदेश सरकार हर मरीज को गुणवत्तापरक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करा रही है। हार्ट अटैक के बाद समय पर इंजेक्शन लगना सबसे महत्वपूर्ण है। बाजार में लगभग 40 हजार रुपये में मिलने वाला यह इंजेक्शन अब सरकारी अस्पतालों में निशुल्क मिलेगा। जल्द ही और भी बीमारियों के लिए अत्याधुनिक इंजेक्शन और सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएँगी। सरकार के इस निर्णय को चिकित्सा जगत की ओर से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे हजारों मरीजों की जान हर साल बच सकती है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, यह सुविधा निम्नलिखित मंडलों में शुरू की जा चुकी है-
अन्य मंडलों में भी अगले एक माह के भीतर यह सुविधा उपलब्ध करा दी जाएगी।
यह पहली बार है जब हार्ट अटैक जैसा गंभीर इलाज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों तक पहुँच रहा है। सीएचसी में ईसीजी,कार्डियक मॉनिटरिंग,प्राथमिक आपात उपचार की सुविधा पहले से उपलब्ध थी, अब इंजेक्शन मिलने से उपचार और मजबूत हुआ है। ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले बुजुर्ग और गरीब परिवारों के लिए यह सुविधा जीवनदायक साबित होगी, क्योंकि उन्हें हार्ट अटैक के दौरान महंगे इंजेक्शन खरीदने या दूर अस्पताल भागने की मजबूरी नहीं रहेगी।
Published on:
17 Nov 2025 10:20 am
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