Raghvendra Bajpai Shootout Case: सीतापुर में पांच महीने पहले हुए चर्चित पत्रकार राघवेन्द्र बाजपेई हत्याकांड में फरार चल रहे दोनों शूटरों को गुरुवार सुबह पुलिस ने एक मुठभेड़ में मार गिराया। यह मुठभेड़ जिले के पिसावां थाना क्षेत्र में सीतापुर-हरदोई सीमा के पास हुई। मुठभेड़ में ढेर किए गए बदमाशों की पहचान एक-एक लाख के इनामी अपराधी राजू उर्फ रिजवान और संजय उर्फ अखिल खां के रूप में हुई है। पुलिस ने इस कार्रवाई को बड़ी सफलता बताया है।
8 मार्च 2025 को एक दैनिक समाचार पत्र के तहसील संवाददाता राघवेन्द्र बाजपेई की उस समय हत्या कर दी गई थी, जब वह बाइक से महोली से सीतापुर मुख्यालय की ओर जा रहे थे। हमलावरों ने हेमपुर ओवरब्रिज पर उनका पीछा कर उन्हें रोक लिया और ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर उनकी हत्या कर दी। यह घटना क्षेत्र में सनसनीखेज बन गई थी और पत्रकार संगठनों से लेकर आम जनमानस में रोष की लहर दौड़ गई थी। हत्या के बाद जिले भर में विरोध-प्रदर्शन और कैंडल मार्च आयोजित किए गए। पत्रकार संगठनों ने तत्काल आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की। सरकार और पुलिस पर दबाव के बीच इस हत्याकांड की जांच तेजी से शुरू की गई थी।
पुलिस की गहन जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि पत्रकार की हत्या का मास्टरमाइंड महोली स्थित कारेदेव बाबा मंदिर का पुजारी शिवानंद बाबा उर्फ विकास राठौर था। जांच के अनुसार, पत्रकार राघवेन्द्र बाजपेई ने पुजारी को मंदिर परिसर में एक महिला के साथ आपत्तिजनक स्थिति में देख लिया था। उन्हें आशंका थी कि राघवेन्द्र इस बात को उजागर कर सकते हैं, जिससे उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान होगा। इसी भय से उन्होंने पत्रकार को रास्ते से हटाने की साजिश रची। बाबा ने पेशेवर शूटर राजू उर्फ रिजवान और संजय उर्फ अखिल खां को मोटी रकम की सुपारी देकर हत्या करवाई। पुलिस ने पुजारी सहित तीन अन्य साजिशकर्ताओं को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। हालांकि, दोनों मुख्य शूटर तब से फरार चल रहे थे और पुलिस उनकी तलाश में लगातार दबिश दे रही थी।
पुलिस अधीक्षक अंकुर अग्रवाल ने प्रेसवार्ता में बताया कि गुरुवार सुबह पुलिस को सूचना मिली कि दो इनामी अपराधी बाइक से सीतापुर-हरदोई सीमा के पास देखे गए हैं। इस सूचना के आधार पर पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए पांच टीमों को अलर्ट कर बॉर्डर क्षेत्र में चेकिंग व कॉम्बिंग अभियान शुरू किया।
इसी दौरान पिसावां इलाके में एक बाइक पर सवार दो संदिग्धों को रोकने का प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए आत्मरक्षा में फायरिंग की, जिसमें दोनों शूटर गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
घटना के बाद मृतकों की शिनाख्त की गई, जिसमें यह पुष्टि हुई कि वे राघवेन्द्र बाजपेई हत्याकांड के वांछित अभियुक्त राजू उर्फ रिजवान और संजय उर्फ अखिल खां ही थे। दोनों के खिलाफ पहले से कई संगीन धाराओं में केस दर्ज थे और इन पर एक-एक लाख रुपये का इनाम घोषित था।
इस कार्रवाई के बाद जिले में राहत की लहर देखी गई। पत्रकार संगठनों और स्थानीय जनता ने पुलिस की तत्परता और साहसिक कदम की सराहना की। एसपी अंकुर अग्रवाल ने कहा कि अपराधियों को सजा दिलाना हमारी प्राथमिकता है और इस मामले में न्याय की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। इस मुठभेड़ के बाद राज्य सरकार की ओर से भी प्रतिक्रिया आई है। राज्य के गृह विभाग ने पुलिस टीम को प्रशंसा पत्र देने की घोषणा की है। वहीं, पत्रकार संगठनों ने पुलिस प्रशासन को धन्यवाद देते हुए मांग की कि ऐसे मामलों में साजिशकर्ताओं को कड़ी सजा दिलाई जाए।
इस हत्याकांड ने एक बार फिर पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर बहस छेड़ दी है। आए दिन होने वाली हमलों की घटनाओं ने यह प्रश्न खड़ा कर दिया है कि क्या स्वतंत्र पत्रकारिता सुरक्षित है? कई संगठनों ने सरकार से पत्रकारों की सुरक्षा के लिए विशेष कानून बनाए जाने की मांग की है।
Updated on:
07 Aug 2025 09:39 am
Published on:
07 Aug 2025 09:36 am