उत्तराखंड में चारधाम यात्रा का समापन 25 नवंबर को होगा
Chardham Yatra:बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद होने की तिथि का ऐलान हो गया है। गुरुवार को विजयादशमी के अवसर पर मंदिर परिसर में रावल अमरनाथ नंबूदरी ने यह घोषणा की। बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया 21 नवंबर से पंच पूजा के साथ शुरू हो जाएगी। मंदिर परिसर में सुबह धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल, वेदपाठी रविंद्र भट्ट, अमित बंदोलिया ने पंचांग गणना के बाद कपाट बंद होने की तिथि का ऐलान किया। बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ के मुताबिक केदारनाथ धाम और यमुनोत्री धाम के कपाट 23 अक्तूबर को भैया दूज पर बंद होंगे। उन्होंने बताया कि गंगोत्री धाम के कपाट 22 अक्तूबर को अन्नकूट गोवर्धन पूजा के मौके पर अभिजीत मुहूर्त में शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे। इसके अलावा द्वितीय केदार मद्महेश्वर के कपाट 18 नवंबर और तृतीय केदार तुंगनाथ के कपाट छह नवंबर को शीतकाल के लिए बंद होंगे।इसी के साथ 25 नवंबर को चारधाम यात्रा का समापन हो जाएगा।
केदारनाथ धाम मंदिर के कपाट 23 अक्टूबर को भैया दूज पर्व पर सुबह 8:30 बजे शीतकाल के लिए बंद होंगे। पंचांग पूजा के बाद मंदिर के कपाट बंद होने की तिथि तय की गई है। कपाट बंद होने के बाद उसी दिन बाबा केदार की पंचमुखी उत्सव डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होगी। बता दें कि उत्तराखंड के चारधाम शीतकाल में बर्फ से लकदक हो जाते हैं। इसी के चलते शीतकाल में इन धामों की पूजा निचले इलाकों के शीतकालीन गद्दीस्थल में होती है।
Updated on:
03 Oct 2025 05:53 pm
Published on:
03 Oct 2025 05:31 pm
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