
मंदिर के वास्तु नियम (pc: gemini generated)
Puja Ghar Ke Upay:हमारे भारत में लगभग हर घर में एक छोटा सा पूजा घर (Puja Ghar Ke Niyam) जरूर होता है। सुबह-शाम अगरबत्ती, दीपक और भगवान की आरती से घर का माहौल पवित्र और शांत रहता है। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि पूजा घर में की गई एक छोटी सी गलती पूरे घर की बरकत को रोक सकती है। यह गलती है – पूजा के बाद जलपात्र को खाली छोड़ देना।
वास्तु शास्त्र के अनुसार, जिस लोटे या गिलास में भगवान को जल चढ़ाया जाता है, उसे खाली रखना शुभ नहीं माना जाता। मान्यता है कि जब हम भगवान को घर बुलाते हैं, तो वे हमारे घर में पधारते हैं और उस जलपात्र से जल ग्रहण करते हैं। यदि जलपात्र भरा रहता है तो घर में सकारात्मक ऊर्जा, सुख-शांति और धन की वृद्धि होती है।
लेकिन यदि वही जलपात्र खाली पड़ा रहता है, तो वास्तु के अनुसार यह नकारात्मक ऊर्जा (Negetive Energy) को न्योता देता है। खाली जलपात्र घर में मानसिक तनाव, पैसों की तंगी और बार-बार खर्च बढ़ने का कारण बन सकता है। हमारे बुजुर्ग भी यही कहते आए हैं — “भगवान को कभी भूखा या प्यासा नहीं छोड़ना चाहिए।”
बहुत से लोग बताते हैं कि जब उन्होंने इस छोटी सी गलती को सुधार लिया, तो उनके घर में बड़ा बदलाव दिखने लगा। महीने के अंत में पैसे बचने लगे, बेवजह के खर्च कम हो गए और घर का वातावरण पहले से ज्यादा शांत रहने लगा।
इस उपाय को अपनाना बेहद आसान है। पूजा समाप्त करने के बाद जलपात्र में थोड़ा सा गंगाजल, साफ पानी या एक तुलसी का पत्ता जरूर डाल दें। सुबह उठते ही सबसे पहले उस जलपात्र को देखें और अगर पानी कम हो गया हो, तो फिर से भर दें।
यह छोटा सा उपाय केवल धार्मिक आस्था नहीं, बल्कि घर में अनुशासन और सकारात्मक सोच को भी बढ़ाता है। जब हम छोटी-छोटी चीजों का ध्यान रखते हैं, तो जीवन में भी स्थिरता और संतुलन आता है।
कहा जाता है कि जलपात्र भरा रहना, जीवन में भरेपन का प्रतीक है। इससे घर में लक्ष्मी का वास बढ़ता है और आर्थिक स्थिति धीरे-धीरे मजबूत होती है।
Published on:
07 Dec 2025 08:14 am
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