
वाराणसी में प्रशासन की बुलडोजर कार्रवाई (फोटो सोर्स : Whatsapp)
Varanasi Bulldozer Strikes Again: शिव की नगरी वाराणसी में रविवार को प्रशासन ने ताबड़तोड़ अतिक्रमण अभियान चलाकर एक बार फिर हड़कंप मचा दिया। पुलिस लाइन से कचहरी रोड तक फैले इलाके में जेसीबी और बुलडोजर से कई दुकानों, मकानों और निजी संपत्तियों को ध्वस्त किया गया। इस कार्रवाई के दौरान पद्मश्री मोहम्मद शाहिद के घर पर भी बुलडोजर चला। अभियान के लिए तीन थानों की पुलिस, आरएएफ टीम और दंगा नियंत्रण वाहन तैनात रहे। सुरक्षा की दृष्टि से करीब 200 जवान पूरे इलाके में मुस्तैद रहे।
रविवार सुबह साढ़े 12 बजे से प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू की। सबसे पहले जेसीबी से कचनार शहीद मजार की दीवार तोड़ी गई। इसके बाद सड़क किनारे लगी दुकानों को जमींदोज किया गया। दायम खान मस्जिद के आसपास किए गए अतिक्रमण को भी ध्वस्त कर दिया गया।
मुख्य आकर्षण रहा पद्मश्री मोहम्मद शाहिद का घर, जिस पर प्रशासन ने बुलडोजर चला दिया। यह कार्रवाई शहर के कैंट थाना क्षेत्र के कचहरी चौराहे के पास की गई। प्रशासन ने बताया कि अतिक्रमण हटाने से पहले लोगों को कई नोटिस जारी किए गए थे और मुआवजे की पेशकश भी की गई थी। बावजूद इसके संपत्ति नहीं हटाई गई।
वाराणसी प्रशासन ने बताया कि संदहा से कचहरी रोड तक करीब एक दर्जन से ज्यादा दुकानों और मकानों को जमींदोज किया गया। यह चौड़ीकरण योजना पहले से ही शहरवासियों को बताया गया था। लगभग दो महीने पहले भी इसी योजना के तहत 30 से 40 मकानों और दुकानों को ध्वस्त किया जा चुका है।
इस इलाके में सिंधोरा से गोलघर कचहरी चौराहे तक करीब 300 मीटर लंबाई में सड़क चौड़ी की जा रही है। रोड का चौड़ाई लक्ष्य 60 मीटर है। प्रशासन के अनुसार सड़क चौड़ीकरण योजना का उद्देश्य शहर में यातायात सुगमता और ट्रैफिक व्यवस्थापन को बेहतर बनाना है।
वाराणसी प्रशासन ने कुल 71 लोगों को 3 करोड़ 52 लाख रुपये मुआवजा दिया है। यह मुआवजा उन लोगों को प्रदान किया गया, जिनके मकान और दुकानों को सड़क चौड़ीकरण योजना के तहत ध्वस्त किया गया। मुआवजा राशि और नोटिस के बावजूद कुछ संपत्तियां हटाई नहीं गई, जिसके कारण बुलडोजर से ताबड़तोड़ कार्रवाई करनी पड़ी। प्रशासन ने बताया कि सभी नोटिस समय पर भेजे गए थे और अतिक्रमण हटाने के लिए पर्याप्त अवसर दिया गया था।
अतिक्रमण अभियान के दौरान सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रही। तीन थानों की पुलिस और आरएएफ की टीम ने क्षेत्र की निगरानी की। दंगा नियंत्रण वाहन तैनात किया गया और सुरक्षा के लिए करीब 200 जवान पूरे इलाके में मुस्तैद रहे। पुलिस और प्रशासन ने कहा कि कार्रवाई पूरी तरह से शांतिपूर्ण तरीके से की गई और किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए हर संभव कदम उठाया गया।
अतिक्रमण अभियान के दौरान लोगों की भीड़ जमा हो गई। कई लोगों ने सड़क चौड़ीकरण और मुआवजे की सराहना की, जबकि कुछ ने आलोचना भी की। स्थानीय व्यापारियों ने कहा कि दुकानों के ध्वस्त होने से उनकी आजीविका प्रभावित होगी, लेकिन प्रशासन का तर्क था कि यह योजना शहर के व्यापक विकास और ट्रैफिक सुधार के लिए जरूरी है।
वाराणसी नगर निगम और प्रशासन ने स्पष्ट किया कि अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई कानून और नियमों के तहत की गई। प्रशासन ने कहा कि स्थानीय निवासियों और व्यापारियों को पर्याप्त नोटिस और मुआवजा प्रदान किया गया, फिर भी कुछ अतिक्रमण हटाने से इंकार कर रहे थे। अधिकारी ने कहा, “सड़क चौड़ीकरण योजना शहरवासियों के लिए फायदेमंद होगी। अतिक्रमण हटाने से यातायात सुगमता, सुरक्षा और सड़क की सुंदरता बढ़ेगी। कोई भी अतिक्रमण कानून के खिलाफ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
संदहा से कचहरी रोड तक फोर लेन सड़क का निर्माण पूरी तरह से सड़क चौड़ीकरण योजना का हिस्सा है। यह योजना शहर में ट्रैफिक के दबाव को कम करने, नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और शहर को आधुनिक अवसंरचना से जोड़ने के उद्देश्य से बनाई गई है। सड़कों के चौड़ी होने से आने वाले वर्षों में भारी वाहनों का संचालन आसान होगा और यात्रियों को भी सुरक्षित और सुगम यातायात की सुविधा मिलेगी।
Published on:
28 Sept 2025 05:08 pm
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