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वाराणसी के माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हो रही है। जिले के 40 सरकारी हाईस्कूल और इंटर कॉलेजों में 292 स्वीकृत पदों में से 40 पद अब भी खाली हैं, यानी लगभग 13% शिक्षक उपलब्ध नहीं हैं। आधा शैक्षणिक सत्र बीत चुका है, लेकिन 8 स्कूलों में गणित, 7 में विज्ञान और 6 में कंप्यूटर जैसे महत्वपूर्ण विषयों के शिक्षक अभी तक नहीं मिले। दस से ज्यादा विषयों की कक्षाएं नियमित रूप से नहीं चल पा रही हैं।
इसी बीच यूपी बोर्ड ने परीक्षा का शेड्यूल भी जारी कर दिया है। 18 फरवरी से परीक्षाएं शुरू होनी हैं, लेकिन कई विषयों का कोर्स अभी तक पूरा नहीं हुआ है। गणित, विज्ञान और कंप्यूटर जैसे मुख्य विषयों की परीक्षाएं भी शुरुआती दिनों में ही रखी गई हैं।
शिक्षकों की कमी के चलते कई विद्यालयों में एक ही शिक्षक को अतिरिक्त विषयों की कक्षाएं लेनी पड़ रही हैं, जिससे पढ़ाई की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है। बोर्ड परीक्षा नजदीक है और छात्रों की तैयारी अधूरी, ऐसे में अभिभावक और स्कूल दोनों चिंता में हैं।
शिक्षकों की कमी का असर केवल छात्रों की पढ़ाई पर ही नहीं, बल्कि मौजूद शिक्षकों पर भी भारी पड़ रहा है। कई शिक्षकों को अतिरिक्त क्लास लेने की जिम्मेदारी दी जा रही है, जिसके कारण एक शिक्षक के भरोसे 100 से 150 छात्रों की पूरी तैयारी टिकी होती है। इससे पढ़ाई की गुणवत्ता पर सीधा असर पड़ रहा है।
जिले के 7 राजकीय स्कूलों में गणित और विज्ञान दोनों प्रमुख विषयों के शिक्षक नहीं हैं। ऐसे में स्कूलों को कहीं से अतिरिक्त शिक्षक बुलाकर व्यवस्था चलानी पड़ रही है। छात्रों का कोर्स जैसे-तैसे पूरा करवाया जा रहा है, लेकिन बोर्ड परीक्षा नजदीक होने के कारण स्कूलों की चिंता बढ़ गई है।
डीआईओएस भोलेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि कुछ विद्यालयों में तैनाती होने से स्थिति में थोड़ा सुधार आया है। जिन स्कूलों में अभी भी शिक्षक नहीं हैं, उनके लिए शासन को पत्र भेजा गया है। “बहुत जल्द इन विद्यालयों में भी शिक्षकों की तैनाती की जाएगी,” उन्होंने आश्वासन दिया।
Published on:
30 Nov 2025 02:13 pm
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