वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में 28 जुलाई 2025 को तेलुगु विभाग के वर्तमान विभागाध्यक्ष (HOD) प्रोफेसर सी.एस. रामचंद्रमूर्ति पर हुआ हमला हुआ था। यह हमला एक साजिश का हिस्सा था। मामले का खुलासा वाराणसी पुलिस की जांच में हुआ। इस हमले में प्रो. रामचंद्रमूर्ति के दोनों हाथ फ्रैक्चर हो गए थे। जांच में पता चला कि इस साजिश के पीछे विभाग के पूर्व HOD प्रोफेसर बूदाटी वेंकटेश लू का हाथ है, जो अभी फरार है।
प्रो. वेंकटेश लू ने अपने दो पूर्व छात्रों, बूतपुर भास्कर और कासिम बाबू, को इस हमले के लिए किराए पर लिया। दोनों को दूसरे राज्य से हवाई जहाज से बुलाया गया और प्रो. रामचंद्रमूर्ति पर हमला करने का जिम्मा सौंपा गया। लू ने आरोपियों को बताया कि रामचंद्रमूर्ति उन्हें प्रशासनिक मुद्दों पर परेशान कर रहे हैं। भास्कर और कासिम ने स्थानीय अपराधी गणेश पासी के साथ मिलकर सूरज दुबे, प्रदुम्मन यादव, विशाल यादव और वेदांत भूषण मिश्रा को शामिल किया और हमले को अंजाम दिया।
पुलिस के अनुसार, प्रो. लू और प्रो. रामचंद्रमूर्ति के बीच लंबे समय से प्रशासनिक विवाद चल रहा था। लू, जो पहले HOD थे, अपने पद से हटाए जाने और रामचंद्रमूर्ति के प्रभाव से नाराज थे। इस साजिश का उद्देश्य रामचंद्रमूर्ति को डराना या नुकसान पहुंचाना था।
पुलिस ने गणेश पासी को अशोक पूरम कॉलोनी के पास एक होटल के निकट घेर लिया। पासी ने पुलिस पर गोली चलाई, जिसके जवाब में पुलिस ने भी फायरिंग की। इस दौरान पासी के पैर में गोली लगी और उसे गिरफ्तार कर लिया गया। उसे BHU के ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया है। बूतपुर भास्कर को तेलंगाना से ट्रांजिट रिमांड पर लाया गया।
इस घटना ने BHU कैंपस में हड़कंप मचा दिया। शिक्षकों और छात्रों में आक्रोश है, और 300 से अधिक लोगों ने न्याय व सुरक्षा के लिए प्रदर्शन किया। पुलिस ने BHU प्रशासन से कैंपस में और सीसीटीवी कैमरे लगाने की मांग की है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं रोकी जा सकें।
Updated on:
14 Aug 2025 07:33 pm
Published on:
14 Aug 2025 07:31 pm