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Chitrakoot Expressway: चित्रकूट-प्रयागराज-वाराणसी को जोड़ेगा 6-लेन हाईस्पीड ग्रीनफील्ड कॉरिडोर, ₹15,000 करोड़ की परियोजना को हरी झंडी

Prayagraj Varanasi Highway: चित्रकूट से प्रयागराज होते हुए वाराणसी तक 249 किमी लंबा 6-लेन हाईस्पीड ग्रीनफील्ड कॉरिडोर बनने जा रहा है। ₹15,000 करोड़ की लागत वाली इस परियोजना को डिजाइन मंजूरी मिल चुकी है और पहली किस्त जारी हो गई है। यह सड़क बुंदेलखंड और पूर्वी यूपी के विकास को नई रफ्तार देगी।

विकास की नई राह पर बुंदेलखंड(फोटो सोर्स : Social Media/FB)
विकास की नई राह पर बुंदेलखंड(फोटो सोर्स : Social Media/FB)

Chitrakoot Prayagraj Varanasi Road: बुंदेलखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश के विकास की रफ्तार को नया आयाम देने वाली एक बड़ी परियोजना पर काम तेजी पकड़ने जा रहा है। चित्रकूट से प्रयागराज होते हुए वाराणसी तक 6-लेन हाईस्पीड ग्रीनफील्ड कॉरिडोर बनाने की तैयारी पूरी हो चुकी है। इस 249 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर पर करीब ₹15,000 करोड़ की लागत आएगी। डिज़ाइन को मंजूरी मिल गई है और परियोजना के लिए पहली किस्त ₹10.37 करोड़ जारी कर दी गई है।

तीन महीने में शुरू होगा सर्वे

इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए भोपाल की कंपनी AICONS Engineers Pvt. Ltd. को सर्वे का जिम्मा सौंपा गया है। कंपनी अगले तीन महीनों में सर्वे कार्य शुरू कर देगी। यह ग्रीनफील्ड कॉरिडोर चित्रकूट, प्रयागराज और वाराणसी को सीधे जोड़ेगा, जिससे यात्रियों और माल परिवहन दोनों को ही बड़ा लाभ मिलेगा।

समय की बचत और जाम से छुटकारा

वर्तमान में चित्रकूट से प्रयागराज होते हुए वाराणसी जाने में घंटों का समय और जाम की समस्या का सामना करना पड़ता है। नए हाईस्पीड कॉरिडोर के बन जाने से यात्रा का समय काफी घटेगा। 6-लेन की चौड़ी सड़क तेज रफ्तार यातायात के लिए तैयार होगी, जिससे बड़े वाहनों की आवाजाही सुगम हो जाएगी।

आर्थिक विकास को नई उड़ान

यह परियोजना सिर्फ परिवहन सुविधा तक सीमित नहीं है, बल्कि बुंदेलखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश के आर्थिक विकास के लिए भी गेम चेंजर साबित होगी। नए कॉरिडोर के बनने से औद्योगिक क्षेत्रों तक तेज़ी से पहुँच बनाई जा सकेगी, कृषि उत्पादों को बाजार तक लाने में आसानी होगी और पर्यटन स्थलों का आकर्षण भी बढ़ेगा।

चित्रकूट और वाराणसी के धार्मिक महत्व को मिलेगा बढ़ावा

चित्रकूट और वाराणसी दोनों ही धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण स्थल हैं। चित्रकूट को रामायण काल से जुड़ा माना जाता है जबकि वाराणसी विश्व के सबसे प्राचीन तीर्थों में से एक है। प्रयागराज का संगम क्षेत्र पहले ही धार्मिक पर्यटन का केंद्र है। तीनों स्थलों को जोड़ने वाले इस हाई स्पीड कॉरिडोर से तीर्थ यात्रियों और पर्यटकों को विशेष सुविधा मिलेगी।

परियोजना की मुख्य विशेषताएँ

  • लंबाई: 249 किलोमीटर
  • लागत: लगभग ₹15,000 करोड़
  • लेन: 6-लेन हाईस्पीड ग्रीनफील्ड कॉरिडोर
  • वर्तमान स्थिति: डिज़ाइन पास, पहली किस्त ₹10.37 करोड़ जारी
  • सर्वे एजेंसी: AICONS Engineers Pvt. Ltd., भोपाल
  • सर्वे शुरू होने की समय सीमा: 3 महीने के भीतर

स्थानीय लोगों और व्यापारियों की उम्मीदें

परियोजना को लेकर स्थानीय व्यापारियों, परिवहन व्यवसायियों और आम नागरिकों में उत्साह है। उनका कहना है कि सड़क के निर्माण से माल ढुलाई तेज होगी और लागत भी घटेगी। रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और आसपास के इलाकों में विकास की गति तेज होगी।

सरकारी स्तर पर जोरदार निगरानी

परियोजना को लेकर राज्य और केंद्र सरकार के स्तर पर सख्त निगरानी रखी जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि इस कॉरिडोर को तय समय सीमा के भीतर पूरा करने की योजना है ताकि जनता को जल्द से जल्द इसका लाभ मिल सके।