
प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटो-फ्रीपिक)
सामूहिक विवाह में अब एक नई व्यवस्था लागू हो गई है। अब शादी से पहले दूल्हा-दुल्हन को बायोमैट्रिक अपनी पहचान दर्ज करनी होगी। इससे उनकी मौजूदगी की पुष्टि हो जाएगी और पहचान की जांच के लिए अलग से अधिकारियों की जरूरत नहीं पड़ेगी। जैसे ही उनकी उपस्थिति दर्ज होगी, तभी शादी की प्रक्रिया शुरू होगी। इस व्यवस्था का मकसद फर्जी शादियों और गड़बड़ी को रोकना है।
इस बार जिले में 369 जोड़ों की शादी होनी है। प्रदेश सरकार ने सामूहिक विवाह योजना में बदलाव करते हुए गरीब परिवार के हर जोड़े पर होने वाला खर्च 51 हजार रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दिया है। ब्लॉक स्तर पर 20 नवंबर के बाद शादियां शुरू होंगी। जिला समाज कल्याण अधिकारी गिरीशचंद्र दूबे ने बताया कि पहले शादी स्थल पर अधिकारी आधार कार्ड देखकर ऑनलाइन सत्यापन करते थे।
अधिकारियों ने बताया कि नए शासनादेश के तहत अब सामूहिक विवाह योजना में शामिल हर जोड़े पर एक लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। जिले में इस वर्ष 765 शादियों का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। बीते लग्न में 396 शादियां पूरी हो चुकी हैं, जबकि शेष 369 शादियां नए नियमों के तहत होंगी। इसके लिए अब तक 400 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनका सत्यापन जारी है।
पहले सामूहिक विवाह में जोड़ों को 12 तरह की सामग्री दी जाती थी, लेकिन नए शासनादेश में इसे बढ़ाकर 25 सामग्री कर दिया गया है। इसमें अब कंबल, गद्दा, वॉटर केन, आयरन सहित कई उपयोगी वस्तुएं शामिल की गई हैं।
जिला समाज कल्याण अधिकारी गिरीशचंद्र दूबे के मुताबिक, एक लाख रुपये के बजट में से:
60,000 रुपये सीधे कन्या के खाते में भेजे जाएंगे।
25,000 रुपये उपहार सामग्री पर खर्च होंगे।
जबकि 15,000 रुपये विवाह आयोजन में लगाए जाएंगे।
Published on:
14 Nov 2025 07:09 pm
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