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ज्ञानवापी परिसर में मिली शिवलिंगनुमा आकृति की पूजा मामले की सुनवाई अब 5 सितंबर को, दो अन्य केस में भी पड़ी तारीख

ज्ञानवापी प्रकरण से डुड़े तीन मामलों की सुनवाई संबंधित जजों के अवकाश पर रहने के कारण अगली तिथि नियत कर दी गई है। इसके तहत सिविल जज (सीनियर डिवीजन) कुमुदलता त्रिपाठी की अदालत में चल रही स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की याचिका पर 5 सितंबर को नियत की गई है। वहीं परिसर स्थित मजार पर चादर चढाने व फातिहा पड़ने की इजाज वाले आवेदन पर तीन सितंबर की तिथि नियत की गई है।

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काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी परिसर

काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी परिसर

वाराणसी. ज्ञानवापी प्रकरण में सोमवार को तीन अलग-अलग मामलो में सिविल जज (सीनियर डिवीजन- फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट) महेंद्र कुमार पांडेय और सिविल जज (सीनियर डिवीजन) कमुदलता त्रिपाठी की अदालत में सुनवाई होनी थी। मगर दोनों जज के अवकाश पर रहने के कारण तीनों प्रकरण में अलग-अलग तिथि नियत कर दी गई।

शिवलिंग की पूजा, भोग आरती की मांग पर सुनवाई 5 सितंबर को

परिसर से सर्वे के दौरान वजूखाने में मिली शिवलिंगनुमा आकृति के नियमित पूजा, भोग आरती से संबंधित स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की ओर से ज्ञानवापी परिसर के सर्वे के दौरान मिली शिवलिंगनुमा आकृति के नियमित पूजन, भोग आरती की मांग संबंधी याचिका पर सिविल जज (सीनियर डिवीजन) कमुदलता त्रिपाठी की अदालत में होनी थी। लेकिन जज के अवकाश पर रहने के कारण अगली सुनवाई के लिए 5 सितंबर की तारीख नियत की गई है। कि इसी सुनवाई के लिए गत आठ अगस्त को 27 अगस्त की तिथि नियत की गई थी मगर उस दिन महीने का अंतिम व चौथा शनिवार होने के कारण अदालत में अवकाश था।

ज्ञानवापी परिसर के मजार पर चादर चढाने की इजाज वाली याचिका पर 3 सितंबर को सुनवाई

वहीं सिविल जज (सीनियर डिवीजन- फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट) महेंद्र कुमार पांडेय की अदालत में ही मुख्तार अहमद की ओर से दाखिलय याचिका की सुनवाई के लिए तीन सितंबर की तिथि नियत की गई है। इस याचिका में मुख्तार अहमद अंसारी व चार अन्य ने अर्जी दे कर ज्ञानवापी परिसर स्थित तीन दृश्य व अदृश्य मजार पर चादर चढाने व फातिहा पढ़ने की इजाजत मांगी है। इस प्रकरण में ऑर्डर 1 व रूल 10 के तहत एडवोकेट रमेश उपाध्याय व सत्यप्रकाश श्रीवास्तव ने पक्षकार बनाने के लिए प्रार्थना पत्र दिया है। एक अन्य मामले में विष्णु गुप्त की तरफ द्वार दाखिल याचिका वाले केस में 10 सितंबर की तिथि नियत की गई है।