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लिव-इन का अंजाम अनाथालय जाकर देखो, 15-20 साल की लड़कियां गोद में बच्चा लिए लाइन में लगी रहती हैं, गवर्नर ने चेताया

"मत करिए लिव-इन। अगर लिव-इन रिश्तों का नतीजा देखना है तो अनाथालयों में जाइए, जहां 15-20 साल की लड़कियां एक साल के बच्चों के साथ खड़ी मिलेंगी।" यह बात राज्यपाल आनंदीबेन पटेल बुधवार को दीक्षांत समारोह में कहीं।

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महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के 47वें दीक्षांत समारोह में राज्यपाल और कुलाधिपति आनंदी बेन पटेल ने छात्रों और शिक्षकों को खुले शब्दों में आईना दिखाया। प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में होने के बावजूद विश्वविद्यालयों को ‘ए’ रैंक तक न पहुंच पाने पर राज्यपाल ने अपनी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वविद्यालय की हर खामी और कमी की जानकारी है, यहां तक कि उसकी तस्वीरें भी उनके पास मौजूद हैं।

छात्राओं को कड़ा चेतावनी

रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में पहली बार आयोजित समारोह में राज्यपाल ने विशेष रूप से छात्राओं को आगाह किया। उन्होंने लिव इन रिलेशनशिप को लेकर कड़ा संदेश दिया। कहा कि मैंने 50-50 टुकड़े करके बीम में भरने वालों को देखा है। मुझे सुनकर कष्ट होता है। यह ऐसा समाज है जो आम खाकर गुठलियां फेंक देता है, सावधान रहिए। मैं आदेश कर रही हूं कि लिव इन रिलेशनशिप मत कीजिए। यह समाज में सही नहीं है।

'आकर्षण या झांसे में नहीं आएं'

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल बुधवार को जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय बलिया, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ और सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में बोल रही थीं। उन्होंने कहा कि छात्राओं को अपनी जिंदगी के बेहतर लक्ष्यों पर ध्यान देना चाहिए और किसी भी आकर्षण या झांसे में नहीं आना चाहिए।

उन्होंने पॉक्सो एक्ट पर जागरूकता की भी चर्चा की। काशी विद्यापीठ और संस्कृत विवि के नैक ग्रेड पर सवाल किए। पूछा कि 31 को प्रधानमंत्री आने वाले हैं, उन्हें दिखाऊं कि यह अपने विश्वविद्यालय हैं। संसाधनों पर कहा कि गर्ल्स हॉस्टल में छात्राएं इलेक्ट्रिक सिगड़ी पर खाना बनाती हैं। लाल बहादुर शास्त्री छात्रावास में मेस का पैसा लेकर ठेकेदार भाग गया, समाज कल्याण के छात्रावास में बाहरी रहते हैं।राज्यपाल ने कहा कि छात्रावास में ड्रग्स जाने की शिकायतें हैं, शराब की बोतलें फेंकी हुई हैं। मेरे पास फोटोग्राफ्स हैं।

'पढ़ाई को बनाएं लक्ष्य, न कि लुभावने रिश्तों को'

राज्यपाल ने कहा, “बेटियों को न मायका संभालेगा, न ससुराल। इसलिए पढ़ाई को ही अपना लक्ष्य बनाइए। उन्होंने छात्राओं को जीवनसाथी चुनते समय भी सतर्क रहने और धोखे से बचने की सलाह दी।