राजकोट. अहमदाबाद. राजकोट रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर एक से अपहृत की गई सवा साल की बच्ची को राजकोट रेलवे एलसीबी ने देवभूमि द्वारका पुलिस के सहयोग से चंद घंटों में ही मुक्त करा लिया। बच्ची को अपहृत करने वाले भाई-बहन सहित तीन लोगों को पकड़ा है। बच्ची को छुड़ाकर उसकी मां को सौंप दिया।पकड़े गए आरोपियों में राजकोट जिले के गोंडल के गोमटा गांव निवासी दक्षा बूटिया (22), सिकंदर रफाई (19) और जामनगर लालपुर चौकड़़ी के पास रहने वाला अजय वाघेला (19) शामिल हैं। दक्षा और सिकंदर भाई बहन हैं।पूछताछ में सामने आया कि अपहरण करने वाली दक्षा विवाहित है। उसे कोई संतान नहीं हो रही है, इसलिए उसने भाई सिकंदर और उसके दोस्त अजय की मदद से बच्ची को रेलवे स्टेशन से अपहृत कर लिया। हालांकि पुलिस जांच में जुटी है कि कहीं यह मानव तस्करी के रैकेट से तोनहीं जुड़े हैं।दिल्ली से राजकोट पहुंची थी महिला
पुलिस सूत्रों के तहत दिल्ली के रोहिणी इलाके में रहने वाली 32 वर्षीय रीना उधरेजिया ड्राईफ्रूट का व्यापार करती हैं। पति से झगड़े के बाद वह अपने चार बच्चों को लेकर राजकोट स्थित अपने मायके आई थीं। सराय रोहिला से ट्रेन में सवार होकर राजकोट पहुंची और लोहानगर स्थित पिता भरत दताणी के घर पहुंचीं। लेकिन पिता ने पता बदल लिया। इसलिए वह फिर रेलवे स्टेशन आईं और दिल्ली वापस जाने की तैयारी कर रही थीं। इसी दौरान वह अपने चारों बच्चों को प्लेटफॉर्म पर छोड़कर थोड़ी दूर फोन पर अपनी सास से बात कर रही थीं। तभी उनकी सवा साल की बेटी पूजा उर्फ जंबा नजर नहीं आई।
बच्ची को एक महिला के साथ ट्रेन में चढ़ते देखाउन्होंने बच्ची को ढूंढते हुए प्लेटफॉर्म नंबर-1 से छूट रही एर्नाकुलम-ओखा ट्रेन में एक महिला के हाथ में अपनी बेटी को देख लिया। कुछ समझ पातीं, उससे पहले ट्रेन चल पड़ी। उन्होंने रेलवे पुलिस से संपर्क किया। हरकत में आई रेलवे पुलिस ने सीसीटीवी कैमरोंके जरिए आरोपियों को चिन्हित कर उनका पीछा किया और राजकोट की माधापर चौकड़ी के पास से तीनों को धर दबोचा।पत्नी से सलाह करने जाते समय किया अपहृत
सिकंदर बहन दक्षा को लेकर दोस्त अजय के साथ उसकी पत्नी से सुलह कराने द्वारका ट्रेन से जा रहा था। राजकोट प्लेटफॉर्म नंबर-1 पर यह बच्ची अकेली दिखने पर दक्षा ने उसे उठा लिया।