Bhilai Steel Plant भिलाई इस्पात संयंत्र करीब 8,993 एकड़ क्षेत्र में फैला है। बीएसपी के एक गेट से प्रवेश करने वाले contract labor ठेका श्रमिक का काम दूसरे छोर में है। ऐसे में ठेका श्रमिक वहां तक पैदल या किसी से लिफ्ट लेकर जाता है। प्लांट के भीतर वह दोपहिया वाहन लेकर इस वजह से नहीं जा पाता है, क्योंकि उसके पास प्रबंधन की मांग के मुताबिक दस्तावेज नहीं है। प्रबंधन अगर ई-बस सेवा शुरू कर दे, तो श्रमिक घर के करीब उस चौक से ही बस में सवार होकर सुरक्षित प्लांट पहुंच जाएंगे, जहां उनको सुविधा हो, अनुशासन के लिए भी यह बेहद फायदे वाला फैसला होगा।
प्लांट के भीतर व बाहर सड़क पर होने वाली मौत पर लगेगा ब्रेक
बीएसपी में आए दिन सड़क दुर्घटना में ठेका श्रमिकों व नियमित कर्मियों की मौत हो रही है। ई-बस सेवा अगर शुरू की जाती है। तब इस तरह की घटना पर ब्रेक लगेगा। कर्मियों की जहां जान बचेगी वहीं प्लांट के भीतर कर्मचारी बिना कारण के एक विभाग से दूसरे विभाग बाइक से जाते भी नजर नहीं आएंगे।
फर्जी लोगों की एंट्री होगी बंद
भिलाई स्टील प्लांट में फर्जी गेटपास बनाकर भी लोग प्लांट के भीतर प्रवेश कर जाते हैं। इसकी वजह से हर माह चोरियां अलग हो रही है। चोरियों व फर्जी गेट पास के सहारे भीतर प्रवेश करने वालों से भी निजात मिलेगी। इन सभी से निपटने के लिए बीएसपी प्रबंधन को ई-बस सेवा शुरू करनी होगी।
पर्यावरण की दिशा में ठोस पहल
बीएसपी में करीब 22 हजार ठेका श्रमिक हर दिन ड्यूटी करने पहुंच रहे हैं। बीएसपी प्रबंधन अगर ई-बस सेवा शुरू करता है, तो पर्यावरण की बेहतरी के लिए यह बड़ा कदम होगा। एक साथ 22 हजार बाइक से पर्यावरण को होने वाले नुकसान से बचा जा सकता है। इस तरह से बीएसपी यह भी साबित करने में कामयाब होगी कि वह सिर्फ दस्तावेजों में पर्यावरण को लेकर बात नहीं करती है।
यह है रास्ता
बीएसपी को तय रास्तों पर बसों को भेजना होगा। पहले ठेका श्रमिकों से उनका पता लेना होगा। इसके बाद एक तय चौक पर बसों को रवाना करना होगा। वहां से सीधे बस समय पर प्लांट पहुंच जाएगी, किसी के हाजिरी को लेकर भी विवाद नहीं होगा।
प्लांट के कैंटीन को भी करना होगा अपग्रेड
Tata Steel Plant टाटा ने अपने प्लांट की कैंटीन को अपग्रेड किया हुआ है। वहां पहुंचने वाले श्रमिक बस में बैठते ही मैसेज कर देते हैं, कि वे क्या भोजन करेंगे। लंच में उनको वह भोजन तैयार मिलता है। प्रबंधन यह भोजन कम से कम दर पर मुहैया करवाता है। इस तरह की व्यवस्था बीएसपी को भी करनी होगी। आखिर बीएसपी हर साल अपने बाघों के खुराक में 1 करोड़ से अधिक खर्च करता है, फिर कर्मियों के लिए कुछ छूट दे भी दे, तो सीएसआर के तहत दे सकता है। भिलाई स्टील प्लांट का दौरा करने के बाद एक दौरा Tata Steel Plant टाटा स्टील प्लांट का भी करना चाहिए। इससे वहां प्लंट के भीतर की सफाई, मजदूरों को मिलने वाली सुविधा, वेतन, बोनस, उनके परिवार को स्कूल, मेडिकल सुविधा की जानकारी भी मिलेगी। वैसी सुविधा पीएसयू में क्यों नहीं दे पा रहे हैं। दोनों के मध्य तुलना करने का मौका मिलेगा। इसके बाद ही सुधार किया जा सकता है।
बीएसपी में हर दिन होती है चोरी
भिलाई स्टील प्लांट से हर दिन लोहा, कॉपर और दूसरे सामान चोर पार करते हैं। सीआईएसएफ के जवान माह में कम से कम 3 से 5 चोरों को पकड़ भी लेते हैं। इसी तरह से कुछ मामले में प्रबंधन ने चोरी की शिकायत पुलिस थाना में की है। https://www.patrika.com/exclusive/watch-video-chhattisgarh-in-charge-sachin-pilot-reached-devendra-yadavs-residence-18990281