कानपुर देहात के कई गांव इस वक्त भीषण बाढ़ की चपेट में हैं। यमुना नदी का पानी खेतों, घरों और गलियों में घुस चुका है। लोग अपनी जान बचाने में लगे हैं, मवेशी बह गए हैं, खाने का सामान तक नहीं बचा। हर तरफ सिर्फ पानी ही पानी है… इस बीच उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री संजय निषाद हालात का जायजा लेने पहुंचे। लोगों को उम्मीद थी कि शायद मदद की कोई ठोस घोषणा होगी, लेकिन वहां जो कहा गया, उसने पीड़ितों को और दुखी कर दिया।
दरअसल मंत्री जी ने बाढ़ को स्वर्ग का रास्ता बता दिया। उन्होंने कहा कि– गंगा मैया अपने पुत्रों के पैर धोने आई हैं… और जो इस पानी में डूबता है, वह सीधा स्वर्ग को जाता है। हैरानी तो तब हुई जब उन्हें ये तक पता नहीं था कि बाढ़ गंगा में नहीं यमुना नदी की वजह से आई है। ऐसे में लोगों की परेशानी सुनने की बजाय जब ऐसी बातें की गईं, तो गांववालों का गुस्सा फूट पड़ा। जिनके घर बह चुके हैं, जिनके पास खाने तक को कुछ नहीं है, जो रात भर जागकर बच्चों की जान बचा रहे हैं… उनके लिए ये बातें किसी ताने से कम नहीं थीं। यहीं नहीं मंत्री के साथ पहुंची भाजपा की जिला अध्यक्ष ने भी कुछ ऐसा ही कह दिया। उन्होंने एक बुजुर्ग महिला कहा कि सौभाग्य की बात है कि यमुना मईया के दर्शन हो रहे हैं। इस पर बुजुर्ग महिला ने जवाब दिया – तो आप भी यहीं रहने लगो, आप भी दर्शन करो।
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गांव के लोगों को सबसे ज्यादा ये बात चुभी कि जिन पर राहत पहुंचाने की जिम्मेदारी है, उन्हें ही ये नहीं पता कि संकट आया कहां से है। जब मदद के बजाय ताने मिलें, जब पीड़ा को पूजा बताकर नजरअंदाज किया जाए, तो भरोसा टूटता है। और यही भरोसा आज इन गांवों में बुरी तरह टूट चुका है।