हिण्डौनसिटी. जिले में रबी सीजन के दौरान यूरिया खाद की कमी ने किसानों की चिंता बढ़ा रखी है। मांग की तुलना में अब तक यूरिया की 60 प्रतिशत की ही आपूर्ति हुई है। इस कारण दुकानों और गांवों में जीएसएस केंद्रों पर किसानों की लंबी कतारें देखने को मिल रही हैं। किसान समय पर खाद पाने के लिए परेशान हैं, वहीं कृषि विभाग के अधिकारी उन्हें सीमित मात्रा में ही यूरिया के प्रयोग की सलाह दे रहे हैं। कहीं अधिक उपज की लालसा में खाद का मानक से ज्यादा प्रयोग फसल में नुकसानदायक हो जाए।
कृषि विभाग के अनुसार जिले में रबी सीजन के लिए 29,500 मीट्रिक टन यूरिया की मांग थी, जबकि अब तक केवल 17,811 मीट्रिक टन की आपूर्ति हुई है। हालांकि मंगलवार शाम को 2,700 मीट्रिक टन इफ्फको यूरिया की नई खेप जिले में पहुंची है, जिसे गांवों के जीएसएस केंद्रों पर आवंटित किया गया है। जिसे ट्रकों व ट्रैक्टर-ट्रॉलियों से केन्द्रों पर पहुंचवा कर शीघ्र वितरण कराया जाएगा। इसके अलावा निजी कंपनियों से भी यूरिया खाद के रैक आने लगे हैं, जिससे किसानों को कुछ राहत मिलने की उम्मीद है। आगामी दिनों में रेल से और खेपों के आने की संभावना है। कृषि अधिकारियों ने किसानों को सालाह दी है कि यूरिया का अधिक प्रयोग फसलों के लिए नुकसानदायक हो सकता है। सरसों में अधिक यूरिया डालने से कीट लगने की आशंका रहती है, वहीं गेहूं में अत्यधिक बढ़वार से आगे पौधे गिर सकते हैं। सहायक निदेशक अशोक कुमार मीना का कहना है कि गेहूं की फसल में प्रति बीघा 20 से 25 किलोग्राम यूरिया पर्याप्त है, जबकि किसान एक बीघा में 40 से 45 किलोग्राम तक खाद डाल रहे हैं। इससे भूमि की गुणवत्ता भी खराब होती है।
समय पर खाद नहीं तो बढ़वार बाधित
ढिंढोरा गांव के किसान भरत सिंह डागुर, विष्णु डागुर व रमेश उपाध्याय सहित अन्य किसानों का कहना है कि समय पर खाद उपलब्ध न होने से फसल की बढ़वार प्रभावित हो रही है। कई जगहों पर किसान खाद लेने के लिए सुबह से ही दुकानों पर लाइन में लग जाते हैं। दुकानों पर आपूर्ति आने के साथ ही खाद के कट्टे खप रहे हैं। वहीं प्रशासन का दावा है कि लगातार नई खेप आने से जल्द ही स्थिति सामान्य हो जाएगी।
दो माह में आए खाद के 30 रैक
रेलवे सूत्रों के अनुसार रबी फसल के सीजन लिए अक्टूबर माह से ही रेलवे स्टेशन के रेक प्वाइंट पर खाद के रैक आना शुरू हो गया। दो माह में रैक प्वाइंट पर विभिन वैगन क्षमता के खाद के 30 रैकों का उतार हुआ है। जिन्हें कम्पनियों ने करौली सहित अन्य जिलों में भिजवाया गया। वहीं मंगलवार को चम्बल कम्पनी को 2752 व इफ्को कम्पनी का 2700 मीट्रिक टन यूरिया लेकर हिण्डौन पहुंची।
1.86 लाख हेक्टेयर में है रबी फसल
कृषि विभाग के सूत्रों ने बताया कि इस बार जिले में लगभग 1 लाख 86 हजार हेक्टेयर में रबी फसल की बुवाई की गई है। इनमें सरसों और गेहूं की सर्वाधिक बुवाई हुई है। यही कारण है कि यूरिया की मांग भी अधिक बढ़ गई है। गेहूं का रकबा 83 हजार 600 हैक्टेयर है, वहीं सरसों की 91 हजार 860 हैक्टेयर में बुवाई हुई है।
पीएम का भी सीमित प्रयोग का संदेश
कृषि अधिकारियों का कहना है कि प्रधानमंत्री भी किसानों के फसलों में खाद का नियंत्रित मात्रा में प्रयोग का संदेश दे रहे है। यूरिया खाद के कट्टों पर उर्वरक कम्पनियों ने फोटो सहित यह संदेश छपवाया हुआ है।
इनका कहना है
खाद की खेप लेकर ट्रेनों का आना जारी है। मंगलवार का शाम को इफ्को यूरिया का रैक आने से आपूर्ति बढकऱ 69 प्रतिशत हो गई है। किसान फसलों में नियंत्रित मात्रा में खाद का प्रयोग करें। उपज बढ़ाने के लिए किया अधिक प्रयोग आगे नुकसान का कारण बन सकता है।
वीडी शर्मा, संयुक्त निदेशक
कृषि विभाग करौली।