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सरपंचों ने पूछा… मनरेगा हमारे गांव की जिंदगी, शहर में चलेगी या नहीं, जवाब…सरकार दे रही 204 करोड़

नगर सीमा विस्तार को लेकर नगर सरकार की कैबिनेट ने सीमावर्ती ग्राम पंचायतों के साथ बैठक की। इस दौरान महापौर ने कहा, गांवों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, जमीनों की कीमत बढ़ने से अच्छी शिक्षा के साथ पीढिय़ों तक सुविधाएं मिलेंगी।

खंडवा

Rajesh Patel

Aug 14, 2025

13 पंचायतों को शामिल करने के एजेंडे पर चर्चा

नगर सीमा विस्तार को लेकर नगर सरकार की कैबिनेट ने सीमावर्ती ग्राम पंचायतों के साथ बैठक की। इस दौरान महापौर ने कहा, गांवों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, जमीनों की कीमत बढ़ने से अच्छी शिक्षा के साथ पीढिय़ों तक सुविधाएं मिलेंगी। निगम सभागार में मंगलवार को नगर सीमा विस्तार को लेकर ग्राम पंचायतों के सरपंचों से मंथन किया। महापौर अमृता यादव की अध्यक्षता में प्रस्तावित 13 पंचायतों के शामिल किए जाने के एजेंडे पर चर्चा की गई।

13 पंचायतों के शामिल किए जाने के एजेंडे पर चर्चा

निगम सभागार में मंगलवार को नगर सीमा विस्तार को लेकर ग्राम पंचायतों के सरपंचों से मंथन किया। महापौर अमृता यादव की अध्यक्षता में प्रस्तावित 13 पंचायतों के शामिल किए जाने के एजेंडे पर चर्चा की गई। महापौर अमृता यादव, निगम अध्यक्ष समेत एमआईसी सदस्यों ने सरपंचों के फायदे बताए। बुनियादी विकास के ढांचा को समझाया। सरपंचों ने भी गांव में तीन साल के भीतर अब तक हुए विकास कार्यों को गिनाएं। स्ट्रीट लाइन, सड़क, पीएम आवास आदि की उपलब्धियां बताई।

कमजोर लोगों के रोजगार के लिए मनरेगा चलती है

दोंदवाड़ा ग्राम पंचायत सरपंच यशवंत पटेल ने नगर सरकार से पूछा कि गांव में आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के रोजगार के लिए मनरेगा चलती है। शहर में मनरेगा चलेगी या नहीं। मनरेगा हमारे गांव की जिंदगी है। कुछ सरपंचों ने सवाल उठाया कि शहर में टैक्स अधिक लगेगा। कृषि योग्य बिजली कनेक्शन का टैरिफ मंहगा हो जाएगा। ग्रामीणों को निगम कार्यालय आना होगा।

महापौर बोलीं-विकास लिए सरकारें अनुदान देगी

महापौर ने जवाब दिया कि केंद्र व राज्य अनुदान देगी। तीन साल के भीतर 204 करोड़ रुपए अनुदान मिला है। सीमा विस्तार होने पर अनुदान बढ़ेगा। विकास के लिए शहर में मनरेगा से अधिक बजट मिलेगा। निगम आयुक्त प्रियंका सिंह राजावत ने कहा कि नोटिफिकेशन तक मनरेगा चलेगी। प्रापर्टी के भाव बढ़ जाएंगे। मनरेगा की जगह जरूरतमंदों को स्ट्रीट वेंडर, स्वरोजगार योजनाएं हैं। महिलाएं समूह बनाकर रोजगार, कारोबार शुरू कर सकेंगी। आर्थिक मजबूती बढ़ेगी। गरीबों को शहरी पीएम आवास योजनाओं से पक्के मकान बन जाएंगे। निगम कार्यालय आने की जरूरत नहीं होगी। जोन कार्यालय बनाए जाएंगे।

इन गांवों के सरपंच-प्रतिनिध हुए शामिल

टाकली मोरी, बोरगांव, रैहमापुर, दोंदवाड़ा, रोशनाई, सुरगांव जोशी ,मोकलगांव, नहालदा, जूनापानी, भंडारिया, रूढ़ि, नागचून, बडगांवभीला, टिठिया जोशी के सरपंच व प्रतिनिधि शामिल हुए।

सरपंचों को बताए ये फायदे

समेकित शहरी विकास : मास्टर प्लान के तहत सभी गांव में अव्यवस्थित निर्माण पर रोक लगेगी। योजनाबद्ध विकास होगा।

बेहतर बुनियादी ढांचा: 450 किमी सीवरेज नेटवर्क, 36 एमएलडी क्षमता का एसटीपी, 15 करोड़ रुपए की मंजूरी से पक्की सड़कें, 37.5 किमी पाइपलाइन से 3000 घरों तक पानी।

वित्तीय संसाधन : बीते तीन वर्षों की तरह केंद्र एवं राज्य से 204 करोड़ से अधिक अनुदान मिला है। सीमा विस्तार पर आबादी बढ़ने के अनुदान बढ़ेगा मिलेगा। हाल ही में 59.76 करोड़ रुपए की विशेष सहायता मिल चुकी है।

स्वच्छता और कचरा प्रबंधन : डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और स्वच्छ सर्वेक्षण जैसी सुविधाएं होंगी।

प्रशासनिक दक्षता : गांव वार्डों में शामिल होंगे। समस्याओं का समाधान तेजी से होगा।

क्षेत्रीय समेकित : ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में समान विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और जल की सुविधाएं एकसमान उपलब्ध होंगी।