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Nagaur patrika…जिले के छह दर्जन से ज्यादा पशु चिकित्सा केन्द्रों के भवन निर्माण का भेजा प्रस्ताव, जल्द ही बनेंगे नए भवन…VIDEO

नागौर. पशुपालन विभाग को पिछले कई वर्षों से लंबित पड़े पशु चिकित्सा केन्द्रों के लिए भूमि पट्टे प्राप्त हो गए हैं। जिससे इन केन्द्रों के भवन निर्माण की राह अब साफ हो गई है। अधिकारियों का कहना है कि विभाग ने इन पट्टों के लिए बड़े प्रयास किए थे और अब स्वीकृति मिलने के बाद […]

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नागौर. पशुपालन विभाग को पिछले कई वर्षों से लंबित पड़े पशु चिकित्सा केन्द्रों के लिए भूमि पट्टे प्राप्त हो गए हैं। जिससे इन केन्द्रों के भवन निर्माण की राह अब साफ हो गई है। अधिकारियों का कहना है कि विभाग ने इन पट्टों के लिए बड़े प्रयास किए थे और अब स्वीकृति मिलने के बाद इन केन्द्रों के भवन भी जल्द तैयार होंगे। विभाग की ओर से तैयार किए गए प्रस्ताव को बजट स्वीकृति के लिए भेजा जा चुका है, और अब इस पर भी जल्द ही निर्णय लिया जाएगा।
पशु चिकित्सा केन्द्रों का इंतजार पूरा
पशु चिकित्सा केन्द्रों के लिए भूमि का इंतजार अब समाप्त हो गया है। नागौर, खींवसर, मूण्डवा, जायल, मेड़ता समेत अन्य क्षेत्रों के करीब छह दर्जन से अधिक पशु चिकित्सा केन्द्रों के लिए पंचायतवार भूखण्ड के पट्टे प्राप्त हो चुके हैं। पशुपालन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, इन पट्टों के लिए विभाग ने भामाशाहों और जनप्रतिनिधियों की मदद से अथक प्रयास किए थे, जिसके बाद यह सफलता मिली है। अब विभाग द्वारा भूमि प्राप्त करने के बाद, केन्द्रवार प्रस्ताव तैयार कर मुख्यालय भेजा जा चुका है। अधिकारियों का कहना है कि स्वीकृति मिलने के बाद कृषि विपणन बोर्ड की ओर से इन केन्द्रों के भवन निर्माण का कार्य जल्द शुरू कर दिया जाएगा।
अब खुले में नहीं होगी पशु चिकित्सा
पशु चिकित्सा केन्द्रों के लिए भूमि मिलने से सबसे बड़ी राहत यह होगी कि अब पशु चिकित्सा केन्द्रों को खुले स्थानों पर नहीं चलाना पड़ेगा। पहले कई केन्द्रों में संसाधनों की कमी के कारण खुले में ही चिकित्सा करनी पड़ती थी। इसके साथ ही दवाओं और अन्य आवश्यक सामग्री को रखने में भी दिक्कतें होती थीं। लेकिन अब विभाग के पास खुद का भवन होने से इन समस्याओं का समाधान हो जाएगा। इसके साथ ही चिकित्सा कार्यों में भी अधिक सुव्यवस्था होगी, जिससे पशुओं को बेहतर देखभाल मिल सकेगी। पट्टे मिलने के बाद विभाग ने जल्द ही इन केन्द्रों के लिए भवन निर्माण का प्रस्ताव तैयार किया था, जिसे स्वीकृति के लिए भेजा गया था। अधिकारियों का कहना है कि प्रस्ताव के स्वीकृत होने के बाद कृषि विपणन बोर्ड के माध्यम से भवन निर्माण का कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
विभाग ने केन्द्रों का प्रस्ताव बनाकर भेजा
पशु चिकित्सा केन्द्रों के लिए भूमि प्राप्त होने वाले स्थानों में छाजोली, छापड़ा, पीण्डिया, भावण्डा, अखासर, देऊ, बडग़ांव, लाम्बाजाटान, गठिया, भोजास, सेंदड़ी, भाकरोद, ताऊसर, भदोरा, ग्वालू, नराधना, बासली बेलिमा, खींवसर, आकेली, बेराथल कला, डूकियो की ढाणी, टांकला सहित कुल 77 केन्द्र शामिल हैं। इन केन्द्रों के लिए विभाग ने प्रस्ताव भेजा है, और मंजूरी मिलते ही इन केन्द्रों पर भवन निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
पट्टे तो मिल गए, भवन भी बन जाएगा
पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. महेश कुमार मीणा ने कहा कि “हमारे विभाग को 77 पशु चिकित्सा केन्द्रों के लिए भूमि पट्टे प्राप्त हो चुके हैं। अब इन पर भवन निर्माण के लिए प्रस्ताव भेजा जा चुका है। मंजूरी मिलने पर इन केन्द्रों के भवन का निर्माण कृषि विपणन बोर्ड की मदद से कराया जाएगा।