सऊदी अरब के मक्का–मदीना हाईवे पर जो हुआ… उसने न सिर्फ 45 भारतीयों की जान ले ली… बल्कि कई घरों की खुशियां भी राख कर दीं। जलती हुई बस के अंदर फंसे लोगों की चीखें… और बाहर खड़े रिश्तेदारों की दुआएं— सब बेबस हो गईं। लेकिन इसी डरावनी रात में… एक ऐसी कहानी सामने आई… जिसे लोग चमत्कार कह रहे हैं। और अब सुनिए वो कहानी… जिसने हर किसी को थाम कर रखा है। हैदराबाद के समीर और उनकी पत्नी आयशा। दोनों उसी बस में सफर करने वाले थे। 9 नवंबर को सऊदी अरब जाना था। बैग पैक था, तैयारी भी पूरी थी। लेकिन टिकट में एक छोटी सी दिक्कत से उनका सफर रुक गया। टिकट की देरी के कारण ये दंपति उस बस में चढ़ ही नहीं पाए… और कुछ ही घंटे बाद उन्हें हादसे की खबर मिली। जिस बस में उनकी सीटें पक्की होनी थी, वही बस आग के गोले में बदल गई। जिस सीट पर वो बैठने वाले थे… वहां आज सिर्फ राख है।