मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल को गुजरात प्रशासनिक सुधार आयोग (जीएआरसी) की तीसरी रिपोर्ट सौंपी गई। गांधीनगर में आयोग के अध्यक्ष डॉ. हसमुख अढिया ने 10 सिफारिशों के साथ तैयार तीसरी सिफारिश रिपोर्ट सोमवार को मुख्यमंत्री को सौंपी।
रिपोर्ट में एक विद्यार्थी-एक आईडी-एक पोर्टल, सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारियों को पेंशन वितरण के लिए संपूर्ण स्वचालित सिस्टम विकसित करने की सिफारिश की गई है। सरकार के सभी विभागों के जीआर को एकीकृत करने के लिए विशिष्ट टास्क फोर्स बनाने, राज्य की तहसीलों और गांवों में सभी सरकारी संपत्तियों-सेवाओं की जीआईएस-आधारित सिस्टम, परियोजना निरीक्षण से लेकर यूटीसी तक, सभी विषयों का समावेश समेत कई सिफारिशें की हैं। अधिक फुटप्रिंट वाली नागरिक सेवाओं की सरकारी प्रक्रियाओं की री-इंजीनियरिंग से नागरिकों को एसएमएस या वॉट्सएप से ऑटोमेटेड अपडेट देने की सिफारिश की है। सार्वजनिक परिवहन-सरकारी बस सेवाओं में टिकट खरीदी क्यूआर कोड या यूपीआई से करने की व्यवस्था करने, डिजी लॉकर के साथ प्रत्येक सरकारी सेवा वितरण प्रणाली को लिंक करने, सरकारी कर्मचारी की सर्विस बुक का डिजिटल फॉर्मेट तैयार करने की सिफारिशें भी की गई हैं।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत-2047 के संकल्प में विकसित गुजरात-2047 को अग्रणी रखने के लक्ष्य के साथ राज्य शासन के प्रशासनिक ढांचे और कार्य पद्धति में आवश्यक बदलाव के लिए गुजरात प्रशासनिक सुधार आयोग (जीएआरसी) का गठन किया है। जीएआरसी की तीसरी रिपोर्ट की ये सिफारिशें जीएआरसी की वेबसाइट पर भी अपलोड की गई हैं।
रिपोर्ट सौंपने के दौरान मुख्य सचिव पंकज जोशी, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव एम.के. दास, मुख्यमंत्री के सलाहकार एस.एस. राठौर, प्रशासनिक सुधार आयोग के प्रधान सचिव हरीत शुक्ला, मुख्यमंत्री की अपर प्रधान सचिव अवंतिका सिंह और सचिव डॉ. विक्रांत पांडे, जीएआरसी के अधिकारी उपस्थित रहे।