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भीलवाड़ा में जनता अफसरों से नहीं खुश, मिल रहे दफ्तरों के चक्कर

भीलवाड़ा में चित्तौड़ रोड पर चल रहे सड़क निर्माण कार्य और गांधीनगर में रैम्प निर्माण के बाद यातायात व्यवस्था चौपट हो चुकी है। गांधीनगर से अजमेर रोड पर जाने वाले वाहनों के चलते दिन भर जाम के हालात बने हुए हैं।

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भीलवाड़ा। राजस्थान पत्रिका का जनमंच आमजन की आवाज बुलंद कर सरकारी महकमों में समाधान की राह निकाल रहा है। बुधवार को राजस्थान पत्रिका भीलवाड़ा कार्यालय में आयोजित जनमंच में भी बड़ी संख्या में पहुंचे लोगों ने अपनी समस्या रखी। पत्रिका ने संबंधित अधिकारियों तक उनकी समस्या पहुंचाते हुए जल्द उनके समाधान के लिए दबाव बनाया। चित्तौड़ रोड पर चल रहे सड़क निर्माण कार्य और गांधीनगर में रैम्प निर्माण के बाद यातायात व्यवस्था चौपट हो चुकी है। गांधीनगर से अजमेर रोड पर जाने वाले वाहनों के चलते दिन भर जाम के हालात बने हुए हैं।

पोस्टर के जरिए उठाई समस्या

राजस्थान जन मंच ने चित्तौड़ रोड पर रामाधाम के सामने हो रहे जान लेवा गड्ढों पर चिंता जताई। अध्यक्ष कैलाश सोनी की अगुवाई में पहुंचे शिवप्रकाश चन्नाल, जयनारायण जोशी, मनमोहन व दीपक चन्नाल ने पोस्टर के जरिए बताया कि इस मुख्य मार्ग पर रोजाना बड़ी संख्या में वाहन गुजरते हैं, इसके बावजूद प्रशासन यहां की सुध नहीं ले रहा है। अंडरपास की हालत भी खराब है। मंच के सदस्यों ने बताया कि हरणी महादेव रोड गडढ़ों में तब्दील हो चुका है। बारिश के बाद से काइन हाउस के बाहर की सड़क पूरी तरह टूट गई हैं। बड़ेगडढ़े होने से उनमें पानी भरा हुआ है। रोजाना यहां से हजारों लोग निकलते है। लेकिन समाधान नहीं हो रहा।

हाथ ठेले वालों ने रोकी राह

आदर्श नगर के लोगों ने जनमंच को बताया कि शहर के कोटा रोड स्थित सांगानेरी गेट सामुदायिक भवन के सामने मुख्य मार्ग पर हाथ ठेले वालों ने दुकानों के आगे चालीस फीट आगे तक अतिक्रमण कर रखा है। चौराहे पर रोडवेज बुकिंग काउंटर होने से, अतिक्रमण के कारण रोडवेज एवं निजी बसों का ठहराव भी सुचारू नहीं हो पाता है। राहगीर आए दिन दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं। ठेला संचालकों द्वारा दबंगों का गिरोह बनाकर, शिकायतकर्ता को डराया धमकाया जाता है। इससे चौराहे पर कई बार शांति भंग होती है, व्यापारियों को पुलिस बुलानी पड़ती है। डालचंद सुवालका आदि ने जिला प्रशासन, यातायात पुलिस एवं नगर निगम अधिकारियों को अतिक्रमण हटाने का मुद्दा उठाया।

अंसल सुशांत सिटी जूझ रही है सुविधा के लिए

अजमेर रोड िस्थत अंसल सुशांत सिटी को लेकर निवासियों ने पीड़ा जाहिर की है। एकीकृत संघर्ष समिति अंसल सुशांत सिटी के परिवार का आरोप है कि एपीआई अंसल प्रॉपर्टी डवलपर ने स्वास्थ्य, शिक्षा, जलनिकासी, जल संरक्षण एवं सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट समेत कई सुविधाएं कॉलोनी मेजुड़ाने के दावे किए थे। लेकिन यह दावे थोथे ही साबित हो रहे हैं। सुविधाएं नहीं मिलने से यहां के परिवार परेशान हैं। यहां की सभी कनेक्टिव रोड बुरी तरह टूट चुकी है, बडेबडे गड्ढों से रोज होते हादसों के कारण जीवन प्रभावित हो रहा है। सीवरेज एवं जल निकासी अस्त व्यस्त है। इससे कॉलोनी में सीवरेज का गन्दा पानी घरों के सामने भरा रहता है। बारिश में घरों के बाहर मुख्य मार्गों में तालाब बन जाते है। यहां ना कोई गार्डन डेवलप है नाहीं रोड रोड लाइट की बेहतर व्यवस्था है।

नगर निगम की कार्रवाई पर सवाल

आर के कॉलोनी के ए सेक्टर के शिवदयाल- सुनीता काबरा ने नगर निगम की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना था कि पड़ोस में नियम विरुद् तरीके से निर्माण कार्य हो रहा है, इसकी शिकायत निगम को किए जाने के बावजूद वहां कार्य नहीं रुका, कागजों में ही नोटिस देकर इतिश्री की गई। जबकि परिवादी के नियमानुसार हो रहे कार्य को निगम ने दबाव में आकर रोक दिया।

दो साल से लगा रहे चक्कर, फिर भी नहीं मिलें पट्टे

गुलाबपुरा के वरिष्ठ जन प्रेमसुख बाबेल ने नगर पालिका गुलाबापुरा के खिलाफ शिकायत की। उनका कहना था कि उन्होंने परिवार के चार बच्चों के नाम पर जमीन के पट्टे बनाने के लिए आवेदन किया, लेकिन दो साल बीत जाने और दर्जनों चक्कर लगानेके बावजूद पालिका ने पट्टे बना ही नहीं। पालिका कर्मियों का व्यवहार भी संतोषप्रद नहीं है।

पुर में अतिक्रमण की मार

उपनगर पुर में नैनावटी मंदिर के नीचे ऊंची डूंगरी पर पूर्व में बने सार्वजनिक शौचालय अतिक्रमण के घेरे में हैं। यह ध्वस्त भी हो चुका है। यहां कुछ लोगों ने रोडी डालना शुरू करते हुए अतिक्रमण करने लगे हैं। इससे गंदगी फैल रही है और आवाजाही प्रभावित हो रही है। कैलाश चन्द्र सेन आदि ने नगर निगम से जर्जर सार्वजनिक शौचालय को गिराते हुए स्थल का उपयोग जनहित में किए जाने की बात कही।

न्यास अफसरों के लॉटरी में ही अटके रहने से अधर में शहर की बड़ी परियोजनाएं

– नगर विकास न्यास की भूखंड आवंटन प्रक्रिया में अ​धिकांश अफसरों व तकनीकी कर्मियों के लगे रहने से शहर की कई प्रमुख योजनाओं का काम भी अटक गया। अब न्यास अफसरों को फिर से मैदान में उतारा जा रहा है।