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भीलवाड़ा में साध्वी कुमुदलता ने कहा, संत और सरकार मिलकर कर सकते हैं नए भारत का निर्माण

धर्म, राजनीति, संत, देश, युवा व बदलती संस्कृति समेत अनेक विषय पर साध्वी कुमुदलता ने राजस्थान पत्रिका से खुली चर्चा की। यहां सुभाषनगर जैन स्थानक में राजस्थान पत्रिका के वरिष्ठ पत्रकार नरेन्द्र वर्मा से हुई बातचीत के मुख्य अंश निम्न है।

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भीलवाड़ा। धर्म, राजनीति, संत, देश, युवा व बदलती संस्कृति समेत अनेक विषय पर साध्वी कुमुदलता ने राजस्थान पत्रिका से खुली चर्चा की। यहां सुभाषनगर जैन स्थानक में राजस्थान पत्रिका के वरिष्ठ पत्रकार नरेन्द्र वर्मा से हुई बातचीत के मुख्य अंश निम्न है।

सवाल: सरकार और संत को लेकर क्या कहेंगे ?

जवाब: संत और सरकार मिलेंगे तो निश्चित रूप से विकास की नई राह खुलेगी, साथ ही देश में जो अनीति हो रही है, भ्रष्टाचार हो रहा है, गलत हो रहा है, नारियों के साथ अत्याचार हो रहा है जो चोरी हो रही है, उसे कम करने में हम कामयाब होंगे।

सवाल: मोबाइल की उपयोगिता जीवन में कितनी सार्थक है ?

जवाब: मोबाइल हमें सत्संग से भी जोड़ सकता है और विपरीत हालात में भी ले जा सकता है। इसके लिए अभिभावकों को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। यदि मोबाइल का उपयोग लिमिट में करे तो वह खराब नहीं है।

सवाल: मेरा देश और धर्म को किस प्रकार जोड़ कर देखते है ?

जवाब: मैं तो यह चाहूंगी की मेरा पुर्नजन्म जब भी हो , मुझे इसी देश में जन्म लेन का सौभाग्य मिले। मैं, चाहती हूं कि संत बन कर देश में हिंसा को कम करूं, अन्याय को कम करूं, देश में हो रहे भ्रष्टाचार को कम करूं।

सवाल: देश की काल और प​रिस्थति को लेकर क्या सोचती हैं ?

जवाब: पिछले समय के मुकाबले अभी काफी सुधार आया है। भ्रष्टाचार कम हुआ है, देश में जागरुकता आई है, आतंकवाद पर अकुंश लगा है और साक्षरता दर बढ़ी है। मेरा तो मानना है कि देश में पहले से काफी सुधार आया है।

सवाल: आपकी नजर में धर्म क्या है?

जवाब: हिंदू धर्म हमारे लिए सर्वोपरि है, लेकिन संत ऐसे होते हैं जो हर धर्मावलंबी से मिलते हैं, संत किसी धर्म का खंडन नहीं करते, संत के लिए सभी धर्म अच्छे हैं। मेरा देश खुशहाल व हरा भरा रहे, यहीं भावना हर व्यक्ति तक में पहुंचाना चाहती हूं।

सवाल: परिवार टूट रहे हैं और आत्मयीयता घट रही है, क्यूं ?

जवाब: देश में पहले संयुक्त परिवार हुआ करता है, रिश्ते मजबूत थे, लेकिन यह पंरपंरा कही पीछे छूटती दिखाई दे रही है। एकल परिवार की संस्कृति पनपने से मानसिकता भी प्रभावित हो रही है। संत यही चाहते है कि संतान तो तीन होनी चाहिए, दो माता पिता व एक देश की।

सवाल: भारत की बेटियों के वर्ल्ड कप जीतने पर क्या कहेंगे ?

जवाब: भारत की बेटियां किसी से कम नहीं है। हर क्षेत्र में श्रेष्ठता साबित कर रही है। नारी शक्ति ने महिला क्रिकेट के 52 साल के इतिहास को पीछे छोड़ते हुए विश्व विजेता बन कर जो नया इतिहास रचा है, उस पर हमें नाज है, भारतीय टीम को बहुत-बहुत बधाई।