मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल कच्छ के रण में अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा करने वाले सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की 85 बटालियन के जवानों से मिले। उन्होंने इन जवानों के साथ भोजन लिया। इस बटालियन ने ऑपरेशन सिंदूर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
उन्होंने सेना तथा सुरक्षा बलों के ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के लिए सभी गुजरातियों की ओर से जवानों को अभिनंदन दिया।
मुख्यमंत्री ने जवानों को संबोधित करते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर की सफलता में जवानों ने देश के प्रति उत्तम समर्पण का उदाहरण प्रस्तुत किया है। उन्होंने जवानों के इस अदम्य साहस की प्रशंसा की।
मुख्यमंत्री ने देश की सीमा की सुरक्षा करने वाले बीएसएफ के इन जवानों के साथ संवाद किया। रण की विषम स्थिति भी देश की सरहद के संतरी (सीमा प्रहरी) के रूप में तत्परता के साथ कर्तव्यनिष्ठ रहने के लिए उनकी प्रशंसा की।
1971 के युद्ध में इस बटालियन के जवानों ने दुश्मन के क्षेत्र में भीतर तक घुसकर पाकिस्तानी सेना की कॉलम को नष्ट किया था और 21वीं बलोच रेजीमेंट के रेजीमेंटल मुख्यालय पर हमला कर उसे नष्ट किया था।
85 बटालियन ने रेजीमेंटल इन्सिग्निया तथा राइफल रेक जैसी युद्ध ट्रॉफियां प्राप्त की हैं। 1971 के युद्ध में इस बटालियन की विजय ने उसे बलोच विजेता की पहचान दिलाई है।
गुजरात फ्रंटियर बीएसएफ के महानिरीक्षक (आईजी) अभिषेक पाठक ने राज्य में स्थित विभिन्न बीएसएफ चौकियों में पानी की सुविधा उपलब्ध कराने और सदैव सहयोग देने के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने भुज में बीएसएफ रेजिंग डे परेड उत्सव मनाए जाने की घोषणा की।
इस अवसर पर विधायक केशूभाई पटेल, बीएसएफ वेस्टर्न कमांड के एडीजी एस एस खंधारे, बीएसएफ भुज के डीआईजी अनंत कुमार सिंह, 85 बटालियन के कमांडेंट शिव कुमार सहित जवान, अधिकारी आदि उपस्थित रहे।