मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने गुरुवार को आणंद से विकसित कृषि संकल्प अभियान का राज्यव्यापी प्रारंभ किया।
आणंद कृषि विश्वविद्यालय से गुजरात में इस अभियान प्रारंभ करते हुए उन्होंने कहा कि यह अभियान कृषि उत्पादन बढ़ाकर किसानों की आत्मनिर्भरता और स्वदेशी को प्रोत्साहन देने वाली एक अभिनव पहल होगी।
मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि विकसित भारत-2047 के निर्माण के लिए इस विकसित कृषि संकल्प अभियान में भी गुजरात के किसान अग्रणी रहेंगे। उन्होंने किसानों को विभिन्न सहायता किटों का प्रतीकात्मक वितरण भी किया।
3.50 लाख किसानों तक पहुंचेंगे
अभियान के अंतर्गत विशेषज्ञों की 55 टीमें 235 तहसीलों के 2951 क्लस्टर के जरिए 3.50 लाख से अधिक किसानों तक सीधे पहुंचकर किसानों का आधुनिक खेती के लिए मार्गदर्शन करेंगी।
अभियान के दौरान राज्य के 30 कृषि विज्ञान केंद्रों और 4 कृषि विश्वविद्यालयों के वैज्ञानिक, कृषि विशेषज्ञ, कृषि विभाग के अधिकारी और स्थानीय प्रगतिशील किसान गांव-गांव घूमकर किसानों से मिलेंगे।
किसान जानेंगे अत्याधुनिक खेती
इस दौरान किसानों को प्राकृतिक कृषि, आधुनिक और जलवायु परिवर्तन के अनुरूप खेत पद्धति, नए संशोधित बीज, नैनो फर्टिलाइजर और सॉइल हेल्थ कार्ड के उपयोग के अलावा उर्वरकों का संतुलित उपयोग करने जैसी अत्याधुनिक खेती संबंधित जानकारी दी जाएगी। इसके अतिरिक्त, किसानों को केंद्र एवं राज्य सरकार की किसान हितैषी सहायता योजनाओं से भी अवगत कराया जाएगा।
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने इस अभियान के अंतर्गत आणंद कृषि विश्वविद्यालय जोन में शामिल 9 जिलों के 793 गांवों के लगभग 1.02 लाख से अधिक किसान, सरदार कृषि नगर दांतीवाड़ा विश्वविद्यालय के तहत 7 जिलों के 465 गांवों के 80 हजार किसान, जूनागढ़ कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत 10 जिलों के 933 गांवों के 1.20 लाख किसान और नवसारी कृषि विश्वविद्यालय जोन के 7 जिलों के 760 गांवों के 71 हजार से अधिक किसानों सहित साढ़े तीन लाख से अधिक किसानों को कवर करने का आयोजन किया है।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के डॉ. मनीष दास ने कृषि क्षेत्र में किसानों की चुनौतियों को को दूर करने के लिए आईसीएआर के प्रयासों की विस्तार से जानकारी दी। आणंद कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति के.बी.कथीरिया ने स्वागत भाषण दिया। कार्यक्रम के अंत में कृषि निदेशक प्रकाश रबारी ने आभार व्यक्त किया।